उत्तराखंड में कोरोना का कहर लगतार बढ़ता जा रहा है। इस समय एकजुट होकर इस समस्या से लड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए लेकिन प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अंदर ही खींचतान सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक करोना मरीजों के इलाज और देखभाल में स्वास्थ महकमे ने ज्यादातर आयुष डाक्टरों को लगाया है जबकि एमबीबीएस डाक्टर सिर्फ सामान्य मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसे लेकर आयुष डाक्टर लगातार दबी जुबान से शिकायत कर रहे है और उनका कहना है कि उनसे लगातार डयूटी ली जा रही है जबकि ये काम एमबीबीएस डाक्टरों का है।
इस मामले को लेकर उत्तराखंड आयुष निदेशक ने सचिव स्वास्थ्य से आग्रह किया है कि लगातार ड्यूटी कर रहे है आयुष डाक्टरों को रिलीव किया जाए क्योंकि आयुष विभाग को आयुष सुरक्षा किट वितरित करने की जो जिम्मेदारी भारत सरकार ने दी है वह भी पूरी नहीं हो पा रही है।