बेशक, स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा कुछ चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है लेकिन अगर हिंदू संस्कृति की रक्षा की जाए तो स्कूल में प्रवेश न मिलने का क्या नियम है? यह नियम केवल हिंदू लड़कियों के लिए ही क्यों?, हिजाब पर हो हंगामा लेकिन हिन्दू लड़की को अपने धर्म का पालन करने की इजाजत क्यों नहीं ? मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने की इजाजत है लेकिन हिन्दू लड़की अगर अपनी संस्कृति का पालन करे तो उसके साथ अभद्रता किया जाता।
मुंबई के ग्रांट रोड इलाके के सेंट कोलंबो स्कूल में हिंदू संस्कृति संभालने को लेकर स्कूल के विरोध में बीजेपी मुंबई युवा मोर्चा की ओर से स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया गया। साथ ही, भाजपा मुंबई युवा मोर्चा और अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ आंदोलन किया।
दरअसल मुंबई भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक श्री. मंगल प्रभात लोढ़ा के तथा मुंबई जिलाध्यक्ष श्री. शरद चिंतनकर के नेतृत्व में भाजपा मुंबई युवा मोर्चा द्वारा गुरुवार, फरवरी 2022 को सेंट कोलंबो हाई स्कूल के बाहर जोरदार आन्दोलन किया गया।
बीजेपी मुंबई युवा मोर्चा की अध्यक्ष पल्लवी सप्रे ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही की दक्षिण मुंबई के ग्रांट रोड इलाके के सेंट कोलंबो स्कूल में हिंदू विरोधी संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती, हिन्दू धर्म का पालन करने वाली लड़कियों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जाता, यहां तक कि स्कूल के ऑनलाइन लेक्चर में भी लड़कियों को बिंदी पहनने की इजाजत नहीं होती, हाथों पर मेहंदी भी नहीं उतारने दी जाती, जबकि स्कूल की ओर से ''हिजाब'' को लेकर कोई पाबंदी नहीं है।
फिर सिर्फ हिन्दू लड़कियों पर ही अन्याय क्यों ?। यह सवाल उठा भी लाजमी है। पल्लवी सप्रे ने आगे बात करते हुए कहा, "हम भी मानते हैं कि स्कूल में एक ड्रेस कोड होता है, इसलिए सभी धर्मों की लड़कियों का ड्रेस कोड एक जैसा होना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा धर्म के आधार पर भेदभाव करना वो भी विद्यालय में बिलकुल अनुचित है।