सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत राजनेता और उत्तर प्रदेश के तीन बार विधायक विजय मिश्रा को जमानत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका दिया है। दरअसल मिश्रा अपने खिलाफ कई आपराधिक मामलों में जेल में रहे हैं। अदालत ने कहा कि मामलों में साक्ष्य दर्ज होने के बाद उनकी याचिका को पुनर्जीवित किया जा सकता है लेकिन वर्तमान में यह जमानत के लिए उपयुक्त साक्ष्य नहीं है।
विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश में भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं और वर्तमान में आगरा सेंट्रल जेल में बंद हैं। विजय मिश्रा के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं। 2017 के राज्य चुनावों से पहले उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोपों में 16 मामले दर्ज थे।
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव के लिए एमएलए विजय मिश्रा ने विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी सुनवाई की और उसे खारिज कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है. हालांकि साक्ष्य की रिकॉर्डिंग समाप्त होने के बाद याचिका फिर से दाखिल की जा सकती है।’ दरअसल, भदोही के ज्ञानपुर से बाहुबली निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत की मांग की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।
मामले की सुनवाई के दौरान विजय मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा उनको आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। दरअसल, विजय मिश्रा के खिलाफ रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने भदोही के गोपीगंज थाने में मकान पर कब्जा करने, जान से मारने की धमकी देने और अपने बेटे के नाम वसीयत करने का दबाव डालने के आरोप लागते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश की आगरा जेल में बंद है।