केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, तब भारत
को एक स्टेबल सरकार मिली। 2014 के बाद देश विकास की पटरी पर लौटा। उन्होंने
कहा कि 2014 से पहले हर कोई खुद को प्रधानमंत्री मानता था। अमित शाह ने कहा कि ये सौभाग्य की बात है कि कोरोना महामारी आने
के करीब 7 साल पहले ही देश में एक परिवर्तन हुआ।
अमित शाह ने कहा 2014 के बाद देश को एक
राजनीतिक स्थिरता मिली। 2014 से पहले दस साल तक देश पॉलिसी पैरालिसिस की
अवस्था में था। देश में ऐसा नेतृत्व था कि लोग प्रधानमंत्री को
प्रधानमंत्री नहीं मानते थे और हर कोई खुद को प्रधानमंत्री मानता था।
अमित शाह ने कहा कि लंबे समय तक देश में
गठबंधन सरकारों का दौर रहा था। इसके दुष्परिणाम देश के प्रशासन, अर्थतंत्र
और देश के भविष्य पर पड़े। 2014 के 10 साल पहले तक देश में बहुत सारे घपले,
घोटाले हुए। इससे दुनिया में देश का सम्मान कम हुआ। उन्होंने कहा कि
नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ढेर सारे मामलों को
बहुत धैर्य के साथ और दूरदर्शी तरीके से अपने हाथ में लिया। उनके आने के
बाद गरीबों को भी देश के विकास में भागीदार बनाने का काम हुआ।
अमित शाह
ने कहा कि करीब 43 करोड़ जन धन खाते खोलकर सभी परिवारों को अर्थव्यवस्था से
जोड़ा गया। पहले की सरकारों में योजनाएं बनती थीं कि इस बार 10 हजार घरों
में शौचालय बनाएंगे। अब योजना बनती है कि सभी घरों में शौचालय बनाएंगे।
पहले योजना बनती थी कि इस बार 20 लाख लोगों के घर में गैस का सिलेंडर
पहुंचाएंगे। अब योजना बनती है कि सभी घरों में गैस का सिलेंडर पहुंचाएंगे।
अमित शाह
ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी ढेर सारे काम हुए, सेना के जवानों को
'वन रैंक, वन पेंशन' दिया गया। पहली बार मिशन फर्स्ट को एप्रोच किया गया।
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि मोदी
सरकार के आने बाद हमारी रक्षा नीति, हमारी विदेश नीति के साये से बाहर आई।
हमारी सीमाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अगर आप शांति से रहना चाहते
हो, तो हमारे साथ भी शांति से व्यवहार रखना होगा। ये स्पष्ट संदेश पूरी
दुनिया में गया।