कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का वादा शीत सत्र के पहले ही दिन पूरा हो गया है। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक आज पारित हो गया था। विपक्ष के हंगामे के बीच इस बिल को मंजूरी मिली थी। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही कानूनों की वापसी की औपचारिकता पूरी हो गई।कृषि कानून वापसी विधेयक का लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है और कानूनी तौर पर तीनों कृषि कानून अब समाप्त हो चुके हैं। बुधवार शाम को इस संदर्भ में सरकार की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानून वापसी विधेयक सोमवार को ही पास हो गए थे। बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कृषि कानून को वापस ले लिया गया था। लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा दोनों ही सदनों में तीनों कृषि कानून वापसी बिल ध्वनिमत से पास हुआ। कृषि कानून वापसी बिल को पहले लोकसभा में 12 बजे पेश किया गया, जिसे बिना चर्चा के चार मिनट के भीतर पास कर दिया गया। लोकसभा के बाद दोपहर 2 बजे राज्यसभा में बिल पेश किया गया, वहां भी कुछ ही मिनट में इसे पास कर दिया गया।
इन कानूनों की वापसी के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या किसान आंदोलनकारी अब घरों को लौट जाएंगे या फिर अब भी डटे रहेंगे। हालांकि राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं ने तत्काल वापसी की बात से इनकार किया है।