असम के कटिगोरा के महादेवटीला से एक खबर सामने आई थी. खबर के मुताबिक मणिपुरी हिन्दू वहाँ पीढ़ियों से शिवलिंग की पूजा करते आ रहे थे। हिंदू संगठनों ने खासी समुदाय के उपद्रवियों के इस तोड़फोड़ को इन पहाड़ियों से हिंदू धर्म के अंतिम कुछ निशान मिटाने और जबरदस्ती ईसाई धर्म स्थापित करने का प्रयास करार दिया था। बता दें खासी समुदाय, जिनमे ज़्यादातर लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है, कछार जिले के उत्तर में बरेल पहाड़ियों की तलहटी में रहता है।
स्थानीय हिंदुओं के आरोपों के अनुसार, खासी लोगों ने हाल ही में एक बरगद के पेड़ को काट दिया था और उस स्थान को अपवित्र कर दियाथा जहाँ 100 से अधिक वर्षों से शिवलिंग की पूजा की जाती थी। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि खासी लोगों ने स्थानीय मणिपुरी हिंदुओं को उस स्थान पर फिर कभी पूजा करने के लिए नहीं लौटने की चेतावनी भी दी थी लेकिन अब फिर हिन्दुओं ने वहां शिवलिंग स्थापित किया और विधिवत रूप से पूजा पाठ किया।
आपको बता दें मणिपुर के हिंदुओं ने हिंदू रक्षा दल और हिंदू छात्र संघ जैसे हिंदू संगठनों के सदस्यों की मदद से असम के महादेवटीला में फिर से पूजा करना शुरू कर दिया है। इसे 17 नवंबर को खासी ईसाई समुदाय ने कथित तौर पर अपवित्र कर दिया था। चौधरी के मुताबिक, को 100 से ज्यादा हिंदू महादेव टीला पर गए और वहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की। प्रार्थना और मंत्रोच्चार के बीच वहाँ फिर से शिवलिंग को स्थापित किया गया और एक नया बरगद का पेड़ भी लगाया गया। इस पूजा में स्थानीय हिन्दुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।