सलमान खुर्शीद ने अपने किताब में हिंदुत्वा पर जो प्रहार किया है उसके पूरा सनातन समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है। हिन्दू समुदाय के लोगों ने इसे बैन करने की मांग की थी इसको लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया लेकिन हुआ कुछ नहीं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब के प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, अभिव्यक्ति के अधिकार पर रोक नही लगाई जा सकती। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो किताब के विरोध में प्रचार कर सकता है। भावनाओं को ठेस पहचाने के विरोध में खंडन का भी प्रकाशन करा सकता है।
लेकिन एक तरफ एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रिजवी ने एक किताब लिखी है, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक बातें हैं। उन्होंने हैदराबाद पुलिस कमिश्नर से मिलकर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है। वसीम रिजवी ने हाल ही में खुद की हत्या तक की आशंका जताई है और ऐसा होने पर हिंदू रिवाज से अंतिम संस्कार करवाने की बात कही है। ओवैसी से पहले लखनऊ में भी मुस्लिम नेताओं ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा रखी है।
आपको बता दें हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ बहुत ही गंभीर आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि 'आज हमने हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की है। यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक किताब लिखी है, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक बातें हैं। हमने गुजारिश की है कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो। कमिश्नर ने हमें आपराधिक केस करने का आश्वासन दिया है। हमें उम्मीद है कि उनको गिरफ्तार किया जाएगा।' ओवैसी से पहले उत्तर प्रदेश में भी रिजवी के खिलाफ कुछ मुस्लिम मौलानों ने लखनऊ के चौक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा रखी है।
लेकिन जब अभिव्यक्ति की बात है तो किसी के लिखने पर आखिर रोक कैसे ? क्या अभिव्यक्ति सिर्फ हिन्दुओं के भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए है ? जब कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हुए सलमान खुर्शीद की किताब पर प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तो वसिम रिजवी की किताब पर भी बैन नहीं होना चाहिए। क्योंकि वसिम रिजवी उनके ही समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं और यह उनकी भी अभिव्यक्ति की आजादी है।
वसीम रिजवी का दावा है कि ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है?’ इसी को यह किताब उजागर करती है। इसके अलावा उनका दावा है कि ये किताब पैगंबर मोहम्मद साहब के चरित्र को उजागर करती है। इसके ऊपर वसीम रिजवी का दावा है कि किताब पूरी तरह से फैक्ट्स पर आधारित है और इसे लिखने के लिए 300 से ज्यादा किताबों और मुस्लिम ग्रंथों का रिफरेंस लिया गया है। वहीं विरोध होने पर वसीम रिजवी ने कहा है कि विरोध करने वालों को पहले ये किताब पढ़ लेनी चाहिए।