पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व सीनियर कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. इस प्रकार एक माह तक बगावती तेवर अपनाने के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजकर कांग्रेस से किनारा कर लिया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही अलग पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.
पंजाब लोक कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी का नाम होगा. हालांकि अभी पंजीकरण बाकी है. पार्टी का चुनाव चिह्न बाद में मिलेगा. कैप्टन के नई पार्टी बनाने के बाद पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि कैप्टन का पंजाब में अपना जनाधार है. और अगर कैप्टन का बीजेपी के साथ गठबंधन हो जाता है तो कांग्रेस को मुश्किल खड़ी हो सकती है, वहीं बीजेपी को जबरदस्त लाभ हो सकता है.
कई साल से सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच अनबन थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों में यह चरम पर पहुंच गई. चंडीगढ़ में अचानक कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई लेकिन इसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं दी गई थी. सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था. कैप्टन के इस्तीफे के पीछे हरीश रावत की भूमिका बेहद अहम थी.
कैप्टन अमरिंदर सिंह 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाना चाहते हैं. यही वजह है कि वह पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस समेत कई अन्य दलों के नेता कैप्टन की फौज का हिस्सा बन सकते हैं. कुछ दिन पहले ही कैप्टन ने कहा था कि कई विधायक उनके संपर्क हैं लेकिन अभी के नाम का खुलासा नहीं कर सकता हूं.
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के नाराज नेताओं पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की नजर है. टकसाली नेताओं को भी वह अपने खेमे में ला सकते हैं. कांग्रेस में टिकट बंटवारे के वक्त नेताओं में नाराजगी बढ़ने की आशंका है. अगर ऐसा होता तो कैप्टन इसे भुनाने की कोशिश जरूर करेंगे और पुराने साथियों को अपनी नई फौज का हिस्सा बनाएंगे.