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खुद के खाने का नहीं ठिकाना, और लाइन से बच्चे पैदा कर रहे मुस्लिम- रूपा गांगुली

रूपा गांगुली ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इतनी इतनी शादियां क्यों करते हैं मुसलमान लोग? वो सही नहीं है। अपनी एक बीवी का असम्मान कर देते हैं न… दूसरी तीसरी शादी करके। ये तो गलत हैं न। और छोटी-छोटी उम्र में बच्चियों की शादी करा देते हैं। और हरेक साल में बच्चा। तो किसका भला हो रहा है? वो मां का भला हो रहा है क्या?’

Geeta
  • Nov 1 2021 7:43PM

मुस्लिम महिलाएं एक बच्चा पेट में, एक गोद में और चार बच्चे पीछे लाइन में लिए चलतीं हैं. मुसलमानों की आबादी पर यह बयान भारतीय जनता पार्टी की सांसद रूपा गांगुली ने एक मीडिया हाऊस से बात करते हुए दिया है। उन्होंने कहा है कहा कि मुसलमान बहुत शादियां करते हैं और कम उम्र में ही अपने बच्चों की शादी कर देते हैं।

मीडिया हाऊस से बातचीत के दाैरान रूपा गांगुली ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इतनी इतनी शादियां क्यों करते हैं मुसलमान लोग? वो सही नहीं है। अपनी एक बीवी का असम्मान कर देते हैं न… दूसरी तीसरी शादी करके। ये तो गलत हैं न। और छोटी-छोटी उम्र में बच्चियों की शादी करा देते हैं। और हरेक साल में बच्चा। तो किसका भला हो रहा है? वो मां का भला हो रहा है क्या?’

वे आगे कहती हैं कि, ‘बीवी की हालत क्या हो जाती है। इतनी दुबली पतली, यहां एक पेट में, यहां एक कांख में, यहां एक गोदी में, पीछे लाइन में और चार… किसका भला हो रहा है इसमें? एक परिवार में चार बच्चे हो जाएं कोई बात नहीं लेकिन वो खिला पिला सकें, ऐसी हालत होनी चाहिए। गरीब से गरीब लोगो के पास भी….सरकार से सारे फायदे उनको चाहिए। खुद के खाने का ठिकाना नहीं और लाइन से बच्चे किए जा रहे हैं।’

अगर देखा जाए ताे उनका यह बयान सिर्फ यह बताने का था कि देश में जिस तरह से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है उस पर उनकाे ध्यान देना चाहिए. क्याेंकि अगर इसी तरह से देश की आबादी बढ़ती रही ताे भारत एक दिन चीन काे भी आबादी के मामले में पीछे छाेड़ देगा. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्याेंकि वाशिंगटन डीसी स्थित गैर लाभकारी एजेंसी प्यू रिसर्च सेंटर ने सितंबर 2021 में भारत की धार्मिक आबादी पर एक रिपोर्ट तैयार की थी. रिपाेर्ट में ये बताया गया है कि देश में कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत हिस्सा मुसलमानों का है।

बता दें कि रिपाेर्ट में यह बताया गया कि भारत में हिंदुओं की आबादी 1952 में 30.4 करोड़ थी जो अब 96.6 करोड़ पहुंच गई है वहीं मुस्लिम आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई है। भारत के सभी धार्मिक समूहों के प्रजनन दर में गिरावट आई है। हालांकि इस रिपोर्ट से यह बात सामने आई कि सभी धार्मिक समूहों के बीच तुलना करें तो मुस्लिम ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं.

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