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Ind vs Pak: भारत की हार पर झूम उठे देश के गद्दार.. दिल्ली से लेकर कश्मीर तक मने जश्न पर उठे इन सवालों का कौन देगा जवाब

सवाल ये भी हैं कि आखिर भारत में ये होता क्यों है और कब तक होता रहेगा? सीमा पार के आतंकियों से तो भारत के जांबाज निपट लेंगे लेकिन भारत के अंदर के मिनी पाकिस्तान में रहने वाले गद्दारों से निपटने की योजना कब बनाई जाएगी?

Abhay Pratap
  • Oct 25 2021 12:42PM

हिंदुस्थान के साथ हमेशा से खूनी खेल खेलने वाले पाकिस्तान ने टी 20 विश्वकप में जैसे ही भारत को हराया, वैसे ही भारत के अंदर के पाकिस्तानी मुस्कुरा उठे. भारत की हार पर देश के विभिन्न कोनों में पटाखे फोड़े गए, भारत की हार का जश्न मनाया. भारत की हार पर देश की राजधानी दिल्ली के सीमापुरी में पटाखे फोड़े गए, भारतमाता के मणिमुकुट कहे जाने वाले कश्मीर की सड़कों पर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया गया तो SKIMS मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के MBBS और PG छात्रों ने भी भारत की हार पर जश्न मनाया. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अपने देश की हार पर जश्न मनाने वाले ये लोग कौन हैं? आखिर कब तक भारत ऐसे राष्ट्रद्रोहियों को ढोता रहेगा?

सबसे पहले बात करते हैं देश की राजधानी दिल्ली की. दिल्ली के सीमापुरी से वीडियो सामने आया है जिसमें भारत की हार पर पटाखे फोड़े जा रहे हैं. दिल्ली वो जगह है जहाँ अरविंद केजरीवाल की सरकार है जो दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में सिर्फ हिंदुओं के लिए पटाखों पर प्रतिबंध है तथा पाकिस्तानपरस्तों पर नहीं? दिल्ली के हिंदू दीपावली पर पटाखे नहीं चला सकते हैं लेकिन उसी दिल्ली के अंदर बने मिनी पाकिस्तान में बैठे पाकपरस्त भारत की हार पटाखे चला सकते हैं? ये सवाल सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने उठाया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर हजारों लोग ये सवाल कर रहे हैं.

इसके अलावा कश्मीर में भी भारत की हार पर जश्न मनाया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि जिन कश्मीरी लोगों की सुरक्षा के लिए भारत के सुरक्षाबल अपने प्राणों का बलिदान देते हैं, कश्मीर सुरक्षित रहे, कश्मीरी सुरक्षित रहे, हिंद के जवान इसके लिए अपने परिवार को असहाय छोड़कर, रोता हुआ छोड़कर अपना बलिदान दे देते हैं, वो कश्मीरी भारत की हार का जश्न क्यों मना रहे हैं?

श्रीनगर के SKIMS मेडिकल कॉलेज के छात्र भी भारत की हार पर झूम उठे. ये वो छात्र हैं जिन्होंने भारत की पावन माटी में जन्म लिया, भारत की हवा में सांस ले रहे हैं, भारत का अन्न खा रहे हैं, भारत का पानी पी रहे हैं तथा भारत सरकार से सब्सिडी सहित अन्य सुविधाएं लेकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं... लेकिन इनकी मानसिकता देखिए, इस सबके बाद भी ये लोग भारत की हार पर झूम रहे हैं, जश्न मना रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आगे चलकर जब ये छात्र डॉक्टर बनेंगे, तब क्या इन पर भरोसा किया जा सकता है? आज भारत की हार पर जश्न मनाने वाले ये जिहादी मानसिकता के ये युवा आगे चलकर देश के खिलाफ कार्य नहीं करेंगे, इसकी गारंटी कौन लेगा?

सवाल ये भी हैं कि आखिर भारत में ये होता क्यों है और कब तक होता रहेगा? सीमा पार के आतंकियों से तो भारत के जांबाज निपट लेंगे लेकिन भारत के अंदर के मिनी पाकिस्तान में रहने वाले गद्दारों से निपटने की योजना कब बनाई जाएगी?

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