कांग्रेस पार्टी में आपसी कलेश की खबरे कोई नई बात नहीं है, लगातार कही न कही से इस प्रकार की खबरे आती ही रहती है। बीते साल राजस्थान से अशोक गेहलोत और सचिन पायलट की नोक झोंक की खबरे आई थी, वहीं इस बार पंजाब से 'कैप्टन' और सिद्धू के आपसी कलह की खबरे भी आ गई है।
सिर्फ चुनिंदा राज्यों में ही कांग्रेस सत्ता का लोभ उठा पा रही है, लेकिन कांग्रेस की इस तरह की आपसी मतभेद के कारण अब ये राज्य भी उसके 'हाथ' से जाते हुए दिख रहे है। अभी तक तो ये आपसी कलह सिर्फ पार्टी के बड़े नेताओ में ही होती थी, और ज़ुबानी स्तर पर या फिर कोई सांत्वना कमेटी बनाकर उसे खत्म कर दिया जाता था। लेकिन अब मामला थोड़ा अलग और कांग्रेस की थू-थू कराने वाला है।
दरअसल , छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक रैली के दौरान वो हुआ, जिसे पूर्णतः कांग्रेस पार्टी और उसके नेता जल्द से जल्द भुलाने की कोशिश तो जरुर करेने, लेकिन शायद भुला नहीं पाएंगे। मामला जशपुर का है , जहाँ एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता जनता को सम्बोधित कर रहे थे लेकिन उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जिसके कारण वहां उपस्थित समर्थक मंच पर चढ़ गए और नेता के साथ मारपीट करके उसे मंच से नीचे उतार दिया।
क्या है मामला ?
दरअसल, ये मामला कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता सम्मलेन का है, जिसमें जशपुर में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल भाषण दे रहे थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन, जैसे ही उन्होंने अपने नेता टीएस सिंह देव के समर्थन में बात करनी शुरू की, मामला गड़बड़ हो गया।
कुछ लोग उनकी तरफ दौड़ पड़े और उन्हें धक्के मारे। भूपेश बघेल समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट कर के उन्हें मंच से हटा दिया। इस दौरान दोनों पक्षों में जम कर मारपीट भी हुई। पवन अग्रवाल ने बाद में कहा कि आज टीएस सिंह देव की वजह से ही राज्य में कॉन्ग्रेस सत्ता में है और उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बिठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंह देव उर्फ़ ‘बाबा’ ने ढाई साल इंतजार किया है, ऐसे में अब बघेल कुर्सी खाली करें