भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज अमेरिका , यूनाइटेड अरब अमीरात तथा इजराइल के विदेश मंत्रियों के साथ अहम् बैठक की। भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय फोरम स्थापित करने का फैसला किया है। ये फैसला एक वर्चुअल बैठक में लिया गया। जिसमें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयानऔर इजरायल के विदेश मंत्री यायर लैपिड शामिल थे।
सभी नेताओं ने आने वाले महीनों में दुबई में एक्सपो 2020 के दौरान मंत्रियों की एक व्यक्तिगत बैठक आयोजित करने की इच्छा भी जताई है। इस बैठक के दौरान, चारों मंत्रियों ने परिवहन, प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा, अर्थशास्त्र और व्यापार को लेकर चर्चा की। बातचीत के अंत में यह फैसला लिया गया कि प्रत्येक मंत्री वर्किंग ग्रुप के लिए सीनियर-लेवल के प्रोफेश्नल्स की नियुक्ति करेगा। जो इन सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए विकल्प तैयार करेंगे। जयशंकर इन दिनों इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।
इस दौरान ब्लिंकन ने इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत को अपने तीन बड़े ‘‘रणनीतिक साझेदार’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ नए तरीके से दोस्तों को साथ लाकर, हम इन साझेदारियों को और व्यापक कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह बैठक इसी बारे में है। यहां वाशिंगटन में बैठकर, मैं कह सकता हूं कि इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत हमारे तीन बड़े रणनीतिक साझेदार हैं। ऊर्जा, जलवायु, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा आदि इन सभी परस्पर-व्यापक हितों को देखते हुए.... यह वास्तव में एक दिलचस्प एवं अच्छा विचार प्रतीत होता है कि इस नयी साझेदारी और पूरक क्षमताओं का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में किया जाए।’’
वहीं लैपिड ने कहा, ‘‘ जिन चीजों की हम तलाश कर रहे हैं उनमें से एक है तालमेल और हम इस बैठक के बाद यही कायम करने की कोशिश करेंगे। यह तालमेल ही हमें आगे साथ में काम करने में मदद करेगा...इस मेज पर हमारे पास क्षमताओं, ज्ञान और अनुभवों का एक अनूठा मेल है, जिसका उपयोग एक नेटवर्क बनाने के लिए किया जा सकता है जिसे हम सभी बनाना भी चाहते हैं।’’ यूएई के अल नाहयान ने ब्लिंकन और लैपिड का सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का एक मंच बनाने का विचार रखने के लिए शुक्रिया अदा किया।
भारत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ जयशंकर एक पुराने मित्र हैं...साथ ही भारत और यूएई के बीच मजबूत और विविधतापूर्ण संबंध हैं।’’ जयशंकर ने एक संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘‘ आप तीनों हमारे सबसे करीबी साझेदारों में से हैं। वहीं, वह ब्लिंकन से सहमत थे कि इस तरह का एक मंच तीन अलग-अलग द्विपक्षीय कार्यक्रमों की तुलना में बहुत बेहतर काम कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि हमारे समय के बड़े मुद्दों पर हम सभी की एक समान सोच है और यह काफी मददगार होगा यदि हम काम करने के लिए कुछ व्यावहारिक चीजों पर सहमत हो सकें।’