बीते साल गलवान में हुई घटना के बाद भारतीय सेना को और सशक्त करने की तैयारियां लगातार चल रही है। सेना को शस्त्र से लेकर जमीनी स्तर पर लगातार मज़बूत बनाने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है और चीन के घुसपैठ सैनिको को धुल चटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। भारतीय वीरो के पास आतंकपरस्त पाकिस्तान से भेजे हुए आतंकियों के साथ साथ चीन के घुसपैठ सैनिको को संभालने की जिम्मेदारी भी है, इसीलिए भारतीय सेना को आधुनिक हथियार के साथ साथ आधुनिक स्तर की सड़के, पुल और सुरंग भी चाहिए।
इजराइल से मिले ड्रोन भी हो रहे है तैनात
सीमा तक तेजी से पहुंच बनाने के साथ ही पल-पल की हरकत की निगरानी पर भी जोर है। इसके लिए रात और दिन लगातार सर्विलांस किया जा रहा है। सर्विलांस के लिए रिमोट से चलने वाले एयरक्राफ्ट की फ्लीट लगाई गई है।
इनमें इजराइल से मिले हेरोन ड्रोन की फ्लीट भी शामिल है, जो लंबे समय तक उड़ान भरकर अहम डाटा और तस्वीरें कमांड व कंट्रोल सेंटरों को भेज रहे हैं। भारतीय सेना की एविएशन विंग ने भी सर्विलांस के लिए अपने हेलिकॉप्टर उतारे हैं। एविएशन विंग ने एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर- रूद्र, का वेपन सिस्टम इंटिग्रेटिड (WSI) संस्करण इसके लिए तैनात किया है, जिसने इस रीजन में भारत के सामरिक अभियानों को और ज्यादा मजबूती दी है।
बनाए जा रहे हैं 20 पुल, समय से पहले पूरी होंगी सुरंगें
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा सड़क संगठन (BRO) के एक इंजीनियर अनंत कुमार सिंह ने ब ताया कि अरुणाचल में सीमा तक तेजी से पहुंचने के लिए बहुत सारी सड़कें व सुरंगें बनाई जा रही हैं। करीब 20 बड़े पुल तैयार किए जा रहे हैं, जो टैंक जैसे भारी वाहनों का वजन सह सकते हैं।
नेचिफू और सेला पास में दो ऐसी सुरंगें बन रही हैं जिनसे इलाके में पूरा साल आवाजाही आसान होगी अगले साल अगस्त में समय से पहले तैयार हो जाएंगी ये दोनों सुरंग तेंगा जीरो प्वाइंट से ईटानगर तक बेहद अहम सड़क तैयार हो रही है तवांग से शेरगांव तक भी "वेस्टर्न एक्सेस रोड" का निर्माण तेजी पर तवांग को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के प्लान पर भी किया जा रहा है काम