''एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी'' पहले तो बलबीर की इतनी बेरहमी से हत्या कर दी गई और जो लोगों ने किया वो प्रशासन की गिरफ्त में भी है। इसके बाद भी निहंगों की तेवर में नरमी देखने नहीं मिल रही है इन्होने साफ़ साफ़ धमकी भरे स्वर में कहा है कि वे चार साथियों का आत्मसमर्पण करवा चुके हैं। अब और आत्मसमर्पण नहीं करवाएंगे। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर अब भी पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की तो वे उन साथियों को भी छुड़वा लेंगे, जो जेल में हैं।
इतनी बड़ी घटना होने के बाद इस तरह की बयानबाजी आपने आप में ढेरो सवाल खड़े करती हैं किसान आंदोलन जो कथित तौर पर तो कृषि कानूनों के विरोध में हो रही है लेकिन इस तरह की वहां निर्मम और रोंगटे खड़े कर देने वाली हत्या हो जाती है इतने लोगों के सामने लेकिन इसका विरोध करने के बजाय प्रशासन को ही धमकी दी जा रही है। निहंगों ने शनिवार रात को दो निहंग सिखों के आत्मसमर्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह चेतावनी दी। इस दौरान बाबा राजाराम सिंह ने साफ कहा कि उन्हें कानून हाथ में लेने को मजबूर किया गया।
2015 से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाएं की जा रही थीं लेकिन सरकार व पुलिस ने उन्हें न्याय नहीं दिया। ऐसे में उन्हें अब यह काम करना पड़ा। इस दौरान बाबा अमनदीप ने धमकी दी कि भविष्य में भी कोई ऐसा करेगा तो उसे इसी तरह के अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। बाबा राजाराम सिंह ने मायावती की भी आलोचना की और उन्हें दलितों के बजाय ब्राह्मणों की नेता बताया।
आपको बता दें सोनीपत पुलिस व सीआईए ने रविवार को तीन आरोपी निहंगों को अदालत में पेश किया। सरदार नारायण सिंह, भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत सिंह को लेकर पुलिस अदालत पहुंची। तीनों को सिविल जज की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को छह दिन के रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों ने जज के सामने कबूल किया कि लखबीर सिंह की हत्या उन्होंने ही की। नारायण सिंह ने कहा कि उन्होंने पैर काटा तो भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने उसे लटकाया था।