इजरायल में नई सरकार बनने के बाद अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पहली बार देश का दौरा करने के लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली नई इजरायली सरकार के बीच होने वाली यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत होगी। जयशंकर रविवार से तीन दिवसीय आधिकारिक इजरायल यात्रा पर जाएंगे। नेतान्याहू की सरकार के बाद इजरायल के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री यह दौरा कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर इजरायल जाने के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ बातचीत के लिए दुबई में भी रुकेंगे. इसके बाद वह इजरायल की राजधानी तेल अवीव जाएंगे. विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की यह पहली इजरायल यात्रा है.
इस दौरान वे अपने इजरायली समकक्ष येर लेपिड के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.इजरायल में नेफ्ताली बेनेट की सरकार बनने के बाद भारत से यह पहली महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय यात्रा होगी. भारत और इजरायल ने जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा के दौरान अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक गठजोड़ में बदला था.
इसके बाद से दोनों देश ज्ञान आधारित अपने गठजोड़ को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जिसमें नवोन्मेष एवं शोध व ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है.
इजराइल के विदेश सचिव ने ट्वीट करके दी जानकारी
इजरायल के विदेश सचिव एलोन उशपिज ने ट्वीट कर जयशंकर के आने की पुष्टि की और उनका स्वागत भी किया। जयशंकर की इजरायल यात्रा से पहले की शाम उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सभी को शुभो बिजोया/दशहरा की शुभकामनाएं। भारत एक रणनीतिक साझेदार और बहुत करीबी दोस्त है।'
जयशंकर की इजरायल यात्रा किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और आर्मेनिया के उनके तीन देशों के दौरे के बाद आई है। भारत और इज़राइल के बीच परंपरागत रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और पिछले कुछ सालों में दोनों देशों ने खुफिया जानकारी साझा करने और "उग्रवाद विरोधी" अभियानों में घनिष्ठ "सहयोग" विकसित किया है।