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बिजली संकट पर केजरीवाल सरकार ने पूछा केंद्र सरकार से सवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिजली संकट के संदर्भ में जो पत्र लिखा , उसके बाद देश में बिजली संकट की खबरें तेजी से फैल रही हैं । क्या सही में दीपावली के दौरान देश में बिजली संकट गहराने वाला है , या इन बातों के पीछे कुछ और वजह है । बहरहाल , केंद्र सरकार ने इन बातों को लेकर कहा कि देश में बिजली संकट जैसी कोई समस्या नहीं है । सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि बिजली संकट को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है । वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया ।

Alok Jha
  • Oct 11 2021 1:47PM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिजली संकट के संदर्भ में जो पत्र लिखा , उसके बाद देश में बिजली संकट की खबरें तेजी से फैल रही हैं । क्या सही में दीपावली के दौरान देश में बिजली संकट गहराने वाला है , या इन बातों के पीछे कुछ और वजह है । बहरहाल , केंद्र सरकार ने इन बातों को लेकर कहा कि देश में बिजली संकट जैसी कोई समस्या नहीं है । सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि बिजली संकट को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है । वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया । 

आपको बता दे  कि पिछले दिनों दिल्ली में बिजली संकट की आशंका के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए इस मामले में मदद करने की अपील की । कहा जा रहा है कि इस बार भारी बारिश के चलते देश की कई कोयले की खदानों में पानी भर गया है , जिसके चलते कोयला संकट पैदा हो गया है । हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है और कोयले का भरपूर स्टॉक है ।  भले ही केंद्र सरकार ने कोयले की कोई कमी नहीं होने का दावा किया है लेकिन इस बीच देश के कई राज्यों में ब्लैकआउट का खतरा बढ़ रहा है ।  महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में बिजली उत्पादन पर कोयले की कमी का असर पड़ा है । यूपी में नोएडा पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भी लोगों को मैसेज भेजकर बिजली कम इस्तेमाल करने की अपील की है । इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रदेशवासियों से अपील करते हुए बिजली बचाने की अपील की है। मिली जानकारी के अनुसार , राज्य की 13 बिजली यूनिट बंद हो गई हैं , ऐसी खबरें हैं कि इनके बंद होने का कारण कोयले की कमी को बताया जा रहा है । असल में ये यूनिट MSEDCL को बिजली आपूर्ति करते थे, बहरहाल , इस संकट के चलते महाराष्ट्र में 3330 मेगावाट बिजली आपूर्ति ठप हो गई है ।  महाराष्ट्र में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी MSEDCL ने अपने उपभोक्ताओं से डिमांड और सप्लाई को संतुलित करने के लिए सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली का कम इस्तेमाल करने की अपील की है । गर्मी की वजह से महाराष्ट्र में बिजली की मांग बढ़ी है ।  लिहाजा राज्य सरकार खुले बाजार से बिजली खरीद रही है । इसके अलावा, कोयना बांध के साथ-साथ अन्य छोटे जल विद्युत संयंत्रों और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली सप्लाई की जा रही है.

इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार का कहना है कि देश में बिजली संकट के नाम पर जबरदस्ती दहशत फैलाई जा रही है । इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि कोयला की सप्लाई पावर प्लांट को बढ़ाया जा रहा है । मंत्रालय के मुताबिक कोल इंडिया के पास 24 दिन का कोयला स्टॉक है, जहां तक राज्यों में पावर स्टेशनों की बात है तो उनके पास 17 दिन का नहीं, लेकिन 4-4 दिन का स्टॉक जरूर उपलब्ध है और इसमें रोज सप्लाई हो रही है ।  वहीं मोदी सरकार के बयानों के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कुछ समय पहले जैसे ऑक्सीजन संकट में लोग मरे थे, वैसे ही अब कोयले के संकट के चलते यहां भी त्राही-त्राही मचेगी । आंखे बंद करने की जो नीति है वो बहुत खतरनाक है । उन्होने कहा, 'पूरे देश से आवाज उठ रही है कि कोयला संकट है और ये कोयला संकट अंत में बिजली संकट में तब्दील हो सकता है , जिसका बहुत बड़ा संकट देश को झेलना होगा , देश ठप हो जाएगा। 
 

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