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भारत के 'टीके' पर आखिर क्यों ब्रिटेन की 'टोक' ? जाने, क्यों नहीं दे रहा कोविशील्ड को मान्यता...

कोविशील्ड की मान्यता को लेकर लगातर चल रहे भारत और ब्रिटेन के बीच तनाव दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। ब्रिटेन ने कोविशील्ड को अपने अंतर्राष्ट्रीय यात्रा दिशा-निर्देशों में शामिल तो कर लिया लेकिन अभी भी भारतीयों को 10 दिन का क्वारंटाइन करना होगा।

KARTIKEY HASTINAPURI
  • Sep 23 2021 12:45PM

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन ने अपनी भूल तो सुधारी लेकिन पूरी नहीं। ब्रिटेन ने कोविशील्ड को सूची में शामिल तो कर लिया लेकिन अभी भी यदि कोई भारतीय व्यक्ति भारत से ब्रिटेन के किसी भी हिस्से में यात्रा करता है तो उसे 10 दिनों का 'क्वारंटाइन पीरियड' पूरा करना होंगा। भारत ने ब्रिटेन के इस फैसले को 'डबल साइडेड' फैसला करार दिया है यानी भारत का ये सवाल है कि जब आपने कोविशील्ड को मान्यता दे दी है तो आखिर क्वारंटाइन करने का क्या तुक बनता है ?

वैक्सीन नहीं, सर्टिफिकेशन है असली मुद्दा 

जब ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलीस से पूछा गया कि क्या भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कोविशील्ड को सूची में शामिल किया गया है तो उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोई मुद्दा ही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार जो कुछ कहती है, हम उसे बहुत ध्यान से सुनते हैं, लेकिन मंत्रियों को निर्णय लेना होता है और वे स्पष्ट हैं कि कोविशील्ड कोई मुद्दा नहीं है.’’

भारत में असाधारण रफ्तार से हो रहे वेक्सिनेशन की प्रक्रिया जानने के बाद देंगे स्वीकृति 

दरअसल, ब्रिटेन सरकार का कहना है की 'भारत में जिस असाधारण रफ़्तार से वेक्सिनेशन' हो रहा है और उसका सर्टिफिकेशन हो रहा है, उसको लेकर ब्रिटेन सरकार का मानना है की जरूर इस प्रक्रिया में कोई गलती है इसी लिए जब पूछा गया कि क्या वैक्सीन सर्टिफिकेशन को लेकर समस्या है, एलीस ने बस यह कहा कि ब्रिटिश सरकार यह समझने का प्रयास कर रही है कि भारतीय कोविड वैक्सीन एप कैसे काम करता है और यह कि यह दो तरफा प्रक्रिया है. उन्होंने कहा , ‘‘यह असाधारण रफ्तार से हो रहा है.’’

वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर एस शर्मा ने कहा कि भारत में दिए गए कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेशन पर ब्रिटेन द्वारा उठाई गई चिंता की उन्हें जानकारी नहीं है, हालांकि कोविन प्रणाली डब्ल्यूएचओ के अनुकूल है. शर्मा ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन द्वारा उठायी जा रही किसी चिंता से मैं वाकिफ नहीं हूं. ब्रिटिश उच्चायुक्त ने दो सितंबर को मुझसे मुलाकात की थी और उन्होंने कोविन प्रणाली की बारीकिया जाननी चाही थी. ’

बार-बार UK दे रहा ये तर्क

ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन , जितना जल्दी व्यावहारिक हो सके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को खोलने के लिए कटिबद्ध है और यह घोषणा लोगों के सुरक्षित एवं सही तरीके से और मुक्त होकर फिर यात्रा कर पाने की दिशा में एक कदम है. साथ ही जनस्वास्थ्य की रक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार के साथ संवाद कर रहे हैं कि भारत में वैक्सीनेशन से गुजरे लोगों के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन की अपनी मंजूरी का हम कैसे विस्तार करें.’’

अभी पीली सूची में है भारत 

दरअसल , ब्रिटेन यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, पीले और हरे रंग की तीन अलग-अलग सूचियां हैं। कोरोना खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग-अलग सूची में रखा गया है। चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन यात्रा में पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अभी पीली सूची में है। चार अक्टूबर से लागू होने वाले दिशानिर्देशों में कोविशील्ड को मान्यता नहीं दी गई थी, लेकिन बुधवार को जारी अपडेट दिशानिर्देश में कहा गया, 'एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और माडर्ना टाकेडा जैसी चार वैक्सीन को स्वीकृत वैक्सीन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।'

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