राज्यपाल का पद राज्य में शीर्ष पद होता है तथा जो व्यक्ति इस पद की शोभा को बढ़ाता है, उसे राज्य का प्रथम नागरिक कहा जाता है. ऐसे में इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति से देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाए रखने के साथ ही राजनैतिक सुचिता के ऐसे मानदंड स्थापित करे, जिससे लोग प्रेरणा लें तथा उसका अनुसरण करें. इसी शीर्ष पद पर कांग्रेस ने कभी बैठाया था अजीज कुरैशी को जिन्होंने अब भाषाई मर्यादा की सारी सीमाएं लांघते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की है.
खबर के मुताबिक, जेल की सलाखों के पीछे कैद समाजवादी पार्टी के बदजुबान नेता आजम खान का पक्ष लेते हुए पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए शैतान, राक्षस व खूनी दरीदा जैसे शब्दों का प्रयोग किया है. इसके बाद अजीज कुरैशी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अजीज कुरैशी के खिलाफ प्रदेश सरकार के विरोध में अपमानजनक टिप्पणी के लिए राजद्रोह और धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है.
कुरैशी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए, 153बी, 124ए और 505 1 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. भाजपा नेता आकाश कुमार सक्सेना ने रामपुर के सिविल लाइंस थाने में अजीज कुरैशी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. सक्सेना ने आरोप लगाया कि कुरैशी सपा नेता आजम खान के घर गए और उनकी बीबी तज़ीन फातमा से मिलने के बाद अपमानजनक बयान दिया. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की तुलना ‘राक्षस, शैतान और खून पीने वाले दरिन्दे’ से की.
आकाश कुमार सक्सेना ने शिकायत में कहा कि कुरैशी ने अपने बयान में आजम के खिलाफ कार्रवाई को इंसान और दानव के बीच की लड़ाई करार दिया. यह बयान दो समुदायों के बीच तनाव और समाज में अशांति पैदा कर सकता है. शिकायत के साथ सक्सेना ने पुलिस को विभिन्न चैनलों में प्रसारित कुरैशी के बयान की पेन ड्राइव भी दी है. पुलिस ने कहा कि मामले के सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि अजीज कुरैशी समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा से मिलने उनके घर गए थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी सरकार की तुलना राक्षस और खून पीने वाले दरिंदों से की थी. बता दें अजीज कुरैशी पहले भी बदजुबानी दिखा चुके हैं. उन्होंने पुलवामा हमले को पीएम मोदी की साजिश बताया था तथा कहा था कि वह जवानों की चिताओं से अपना राजतिलक करना चाहते हैं. कुरैशी के इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी.