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JNU में भारत विरोधी नारों को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन बताने वाले ओवैसी भड़क उठे ऊषा निर्मला के ट्वीट से तथा लगे धमकाने.. सब्जी व फल मार्केट होते मजहब विशेष के एकाधिकार पर ट्वीट किया था ऊषा ने

ओवैसी के साथ ही कई मजहबी उन्मादी ऊषा निर्मला को टारगेट कर रहे हैं तथा उन्हें सोशल मीडिया पर धमका रहे हैं

Abhay Pratap
  • Sep 2 2021 9:52AM
रोजमर्रा के काम में इस्तेमाल होने वाले व्यापार पर किस तरह जिहादी अपना एकाधिकार स्थापित करते जा रहे हैं, इसे हम समय-समय पर एक्सपोज करते रहे हैं. क्यों त्योहारों के मौके पर फूलों की कीमतें बढ़ जाती है ? क्यों सावन के महीने में सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगती हैं? क्योंकि फूलों और सब्जियों के व्यापार पर जिहाहियों का एकाधिकार है.

इसी बात की ओर ध्यान दिलाया था ऊषा निर्मला ने, जिन्हें आज जिहादियों की धमकियां मिल रही हैं? ऊषा निर्मला हैदराबाद की रहने वाली हैं तथा हैदराबाद में इसी मुद्दे को उजागर करते हुए ट्वीट करना ऊषा निर्मला को भारी पर गया है. खबर के मुताबिक, ऊषा निर्मला को किसी और ने बल्कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन आवैसी ने सोशल मीडिया पर ही धमकाना शुरू कर दिया है.

आपको बता दें कि ऊषा ने फल और सब्जियों के व्यापार पर जिहादियों के कब्जे को उजागर करते हुए एक जूममज किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि फल और सब्जियों के मार्केट पर किस तरह एक समुदाय का एकाधिकार है? ऊषा निर्मला के इस ट्वीट के बाद जिहादी भड़क गए. खुद हैदराबाद के सांसद ओवैसी भड़क उठे तथा उन्होंने ट्विटर पर ही ऊषा निर्मला को टारगेट करना शुरू कर दिया.

ऊषा निर्मला के Tweet के बाद ओवैसी ने गृह मंत्रालय को टैग करते हुए Tweet किया कि गृहमंत्री ऊषा के खिलाफ कार्रवाई करें क्योंकि यह अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अपराध है. जेएनयू में लगे भारत तेरे टुकड़े होंगे वाले नारों को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन बताने वाले ओवैसी को उषा निर्मला का Tweet इतना नागवार गुजरा कि वो गृह मंत्रालय तक पहुंच गए.

यहां हम सवाल उठाते हैं कि क्या उषा निर्मला को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नहीं है? क्या ऊषा को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार नहीं है? जब देश के टुकड़े करने की बात, देश के दुश्मन दुर्दांत इस्लामिक आतंकियों के महिमामंडन की बात फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के अंतर्गत आती है तो हिंदू त्यौहारों को लेकर ऊषा का ट्वीट फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के अंतर्गत क्यों नहीं आता?

हालांकि अब ऊषा के पक्ष में सोशल मीडिया पर लोग आवाज उठाने लगे हैं. ऊषा के पक्ष में बोलने वालों में सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर एम नागेश्वर राव भी हैं. उन्होंने उषा के पक्ष में तेलंगाना के डीजीपी और हैदराबाद के कमिश्नर को टैग करते हुए उषा के फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेसन की रक्षा करने का अनुरोध किया है. हम भी हैदराबाद पुलिस तथा तेलंगाना सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह ऊषा के फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की रक्षा करने के लिए, मजहबी उन्मादी प्रताड़ना से उन्हें बचाने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

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