आखिर वह कौन सी सोच है जो अपनी हवस की भूख में इतनी ज्यादा अंधी हो जाती है कि शर्म को भी शर्मशार कर देती है? ये सोच कभी अपनी माँ की आयु की महिलाओं को दरिंदगी का शिकार बनाती है तो कभी उन मासूम बच्चियों के बचपन को अपनी हवस के पैरों तले कुचल देती है, जिन्हें ठीक से सी दुनिया के बारे में भी नहीं पता होता? सवाल ये भी है कि आखिर ये सोच आती कहां से है तथा इसको पोषित कौन करता है?
दरिंदगी तथा हैवानियत भरी इसी सोच का शिकार उत्तर प्रदेश के औरेया की एक डेढ़ वर्षीय मासूम हुई है जिसके साथ ईंट भट्ठे में काम करने वाले रहीश ने बलात्कार की क्रूरतम घटना को अंजाम दिया तथा उसके बचपन को अपनी हवस के पैरों तले कुचल डाला. दरिंदगी का शिकार हुई मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी गंभीर हालात को देखते हुए डॉक्टरों ने सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है. दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद लोग आक्रोशित हैं तो वहीं पुलिस ने आरोपी रहीश को हिरासत में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है.
प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, शहर के दिबियापुर-औरैया मार्ग पर ईंट भट्टा है, जहां पर आसपास के जिलों से आकर कई मजदूर काम करते हैं. एक मजदूर महिला रात में भट्ठे पर काम कर रही थी. इस बीच फतेहपुर निवासी रहीश उसकी डेढ़ साल की बेटी को खिलाने के बहाने उठाकर ले गया। कुछ देर बाद बच्ची के जोर-जोर से रोने की आवाज आई तो साथ काम कर रहे मजदूर वहां पहुंच गए.
वहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए. वहां रहीश मासूम बच्ची से दुष्कर्म कर रहा था. लोगों को देखते ही वह भाग निकला. इस बीच मासूम बच्ची की मां भी वहां पहुंच गई. बच्ची को खून से लथपथ देख मां बेहोश होकर गिर पड़ी. भट्ठे पर काम करने वाले दूसरे मजदूर उसे होश में लाए और आनन फानन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे. इस दौरान किसी ने पुलिस को घटना दी सूचना दी.
सूचना मिलते ही थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई तथा लोगों को कार्यवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी रहीश की तलाश शुरू की. कुछ ही देर बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इसकी जानकारी होते ही लोगों की भीड़ वहां एकत्र हो गई और आरोपी को उनके हवाले करने की बात कहने लगे. पुलिस ने भीड़ को शांत कराया और रहीश को लेकर कोतवाली आ गई. कोतवाली निरीक्षक संजय पांडेय ने बताया है कि आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है तथा उसके खिलाफ सुसंगत धारों में कार्यवाई की जाएगी.