देश की राजधानी दिल्ली में 9 वर्षीय मासूम के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस घटना के चार आरोपी हैं जिसमें मुख्य आरोपी सलीम है, लेकिन बच्ची को न्याय दिलाने की बात करने वाले सलीम के बजाय एक अन्य आरोपित राधेश्याम को पुजारी बताकर सियासत कर रहे हैं. अब इस घटना के मुख्य आरोपी सलीम के बारे में एक और बड़ी खबर सामने आई है. खबर के मुताबिक, सलीम हिंदू नाम बताकर पिछले काफी समय से श्मशान भूमि में कार्य कर रहा था लेकिन उसने इसकी भनक तक किसी को नहीं लगने दी.
उसकी पोल उस समय खुली जब जब एफआइआर में उसका असली नाम पुलिस ने सलीम लिखा. ये जानकारी सामने आते ही लोग भौचक्के रह गए तथा भड़क उठे. लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अपना नाम छिपाने के पीछे इसका मकसद क्या था? नाम व् धर्म छिपाना तथा ये वारदात का होना, ये सिर्फ एक संयोग है या प्रयोग है? आखिर सलीम राजू बनकर क्यों रह रहा था, वह मुस्लिम होने के बाद भी खुद को हिंदू क्यों बताता था? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है.
इस बारे में दिल्ली के नांगल के स्थानीय निवासियों का कहना है कि सलीम को लोग पुजारी का खास सहयोगी मानते थे. वह कभी अपना नाम रामू तो कभी राजू बताता था. स्थानीय लोगों का मानना है कि राधेश्याम, जिसे पुजारी बताया जा रहा है, को भी सलीम ने अपना असली नाम नहीं बताया होगा. अब जब ये जानकारी सामने आई है तो लोग चौंक गए हैं तथा जानना चाह रहे हैं कि वह कहां का रहने वाला है तथा क्यों अपनी पहिचान व धर्म छिपाकर रह रहा था.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपित राधे श्याम, कुलदीप कुमार, लक्ष्मी नारायण और मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. सलीम नाम का शख्स अपनी पहचान हिंदू बताकर पिछले काफी समय से श्मशान भूमि में कार्य कर रहा था. उसने कभी किसी को इस बारे में पता नहीं चलने दिया. इस घटना के प्रकाश में आने पर जब एफ़आईआर में आरोपित का असली नाम पुलिस ने ‘राजू’ के बजाय मोहम्मद सलीम लिखा, तो श्मशान के ही अन्य लोग दंग रह गए.