इरशाद अपने हाथ में कलावा बांधता था, मंदिर जाता था तथा खुद को हिंदू नामधारी सोनू बताता था. वह जब भी किसी से मिलता तो "राम राम" का ही संबोधन करता था तथा मंदिर के सभी धार्मिक कार्यों में भाग भी लेता था. यही कारण था कि लोग उसको हिंदू समझते थे. लेकिन इसके पीछे इरशाद का उद्देश्य क्या था, ये कोई नहीं जानता था. जब तक लोग इरशाद की हकीकत समझ पाते तब तक वह एक हिंदू लड़की की जिंदगी को बर्बाद कर चुका था.
मामला उत्तर प्रदेश के बागपत के बड़ौत कोतवाली थाना क्षेत्र का है. पीड़िता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि मलकपुर गांव के इरशाद ने उसके मकान के सामने अपना नाम सोनू बताकर नाई की दुकान खोली थी. वह अपने हाथ पर कलावा भी बांधता था. वह पानी पीने के बहाने उनके घर में आने लगा और इस बीच उसने युवती को लव जिहाद में फंसा लिया. पीड़िता ने बताया कि 26 जनवरी 2019 को इरशाद उसके घर पर पानी लेने पहुंचा और अकेले पाकर तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया और मोबाइल में वीडियो बना लिया.
इसी वीडियो के आधार पर वह पीड़िता को ब्लेकमेल करने लगा तथा वीडियो वायरल करने की धमकी देकर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया और शादी का दबाव बनाया. 23 फरवरी 2019 को इरशाद, उसका भाई मोनू उर्फ अय्यूब, बहनोई बिल्लू घर पहुंचे और बहला-फुसलाकर उसे मुस्लिम मोहल्ले में ले गए तब जाकर उसे इरशाद के मुस्लिम होने का पता चला. इस दौरान इन सभी ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप भी किया. युवती के पिता ने इस मामले में इरशाद व अन्य के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी. इसके बाद युवती पर रिपोर्ट समाप्त करने का दबाव बनाया गया.
इसके अलावा आरोपियों ने प्रयागराज में इलाहाबाद में निकाह के कागज तैयार कराकर उसे लोनी ले गए और वहां एक मौलवी से निकाह पढ़वाया तथा गोमांस खिलाने पर मजबूर किया. आरोप है कि लोनी में इरशाद के बहनोई बिल्लू व महबूब, कोताना गांव में इरशाद के रिश्तेदार नौशाद, सोनीपत के खरखौदा में समीर व भतीजे सोमीन और कांधला में चचेरे साले जिंदा ने उससे दुष्कर्म किया. बीती 20 जुलाई को आरोपी इरशाद युवती को लेकर बड़ौत आया तो वह अपने घर पहुंची तथा परिजनों को पूरी बात बताई.
युवती की तहरीर पर इरशाद अली, अय्यूब, बिल्लू, महबूब, नौशाद, जिंदा, समीर (इरशाद का बड़ा बेटा), सोमीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. मामले में एसपी अभिषेक का कहना है कि एक युवती ने बड़ौत थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस जांच कर रही है. वर्ष 2019 में युवती के पिता ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें युवती के बयान के आधार पर पुलिस को एफआर लगानी पड़ी थी. जांच के आधार पर आगे की कार्यवाई की जायेगी तथा पीड़िता को न्याय मिलेगा.