यूरोपीय संघ, अमेरिका और ब्रिटेन ने चीन पर लगाया एक बड़े साइबर हमले का आरोप
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेट सिक्योरिटी पर भी व्यापक जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने एवं "दुस्साहस भरा बर्ताव" करने का आरोप लगाया गया है. चीन इससे पहले भी हैकिंग के आरोपों को सिरे से नकारता रहा है. और कहता है कि वह सभी तरह के साइबर अपराधों के ख़िलाफ़ है. अमेरिका और ब्रिटेन पहले भी दूसरे देशों द्वारा चलाए गए साइबर हमलों के ख़िलाफ़ खुलकर सामने आते रहे हैं. लेकिन इस मामले में यूरोपीय संघ द्वारा चीन का नाम लिया गया है जो कि बताता है कि हैकिंग की इस घटना को कितनी गंभीरता से लिया गया है.
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने सोमवार को चीन के ख़िलाफ़ एक बड़ा साइबर हमला करने का आरोप लगाया है. ये हमला माइक्रोसॉफ़्ट एक्सचेंज सर्वर पर किया गया था जिससे दुनिया भर में कम से कम 30 हज़ार सर्वर प्रभावित हुए थे.
ब्रिटेन ने इस हमले के लिए चीनी सरकार द्वारा समर्थित पक्षों को ज़िम्मेदार ठहराया है. वहीं, यूरोपीय संघ ने कहा है कि ये हमला ”चीनी क्षेत्र” से किया गया है.
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेट सिक्योरिटी पर भी व्यापक जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने एवं "दुस्साहस भरा बर्ताव" करने का आरोप लगाया गया है. चीन इससे पहले भी हैकिंग के आरोपों को सिरे से नकारता रहा है. और कहता है कि वह सभी तरह के साइबर अपराधों के ख़िलाफ़ है. अमेरिका और ब्रिटेन पहले भी दूसरे देशों द्वारा चलाए गए साइबर हमलों के ख़िलाफ़ खुलकर सामने आते रहे हैं.
लेकिन इस मामले में यूरोपीय संघ द्वारा चीन का नाम लिया गया है जो कि बताता है कि हैकिंग की इस घटना को कितनी गंभीरता से लिया गया है.
पश्चिमी देशों के खुफ़िया अधिकारियों के मुताबिक़, चीन का व्यवहार काफ़ी गंभीर था और ये व्यवहार इससे पहले कभी नही देखा गया है. ब्रिटेन में नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर ने 70 से ज़्यादा प्रभावित संस्थाओं को उनकी विशेष स्थिति के अनुरूप सुझाव दिये हैं ताकि वे इस हमले का सामना कर सकें. इस बार हैकर्स ने एक कमजोरी का फायदा उठाया जो कि वेब शैल्स को सिस्टम में रखने की अनुमति देती है ताकि वे बैक-डोर की तरह इस्तेमाल किए जा सकें और ज़्यादा शोषण के लिए रास्ता उपलब्ध हो सके.
इसके बाद इस कमजोरी को अन्य हैकिंग समूहों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जिससे सिस्टम का अपराधियों, रैंसमवेयर अटैक और जासूसी के लिए दोहन किया जा सके.
यूरोपीय संघ ने क्या कहा?
यूरोपीय संघ ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रवैये और हानिकारक व्यवहार की वजह से यूरोपीय संघ की सरकारी और निजी संस्थाओं को आर्थिक नुकसान हुआ है.
यूरोपीय संघ ने इसी बयान में ये भी बताया कि उसने दूसरे तरह का चीनी व्यवहार भी देखा है और वह उसे भी सामने ला रहा है. ये व्यवहार दो समूहों APT 40 और APT 31 से जुड़ा है जिन्हें चीन की मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेट सिक्योरिटी से जुड़ा माना जाता है.
वहीं, अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वह इस बात से बेहद चिंतित है कि चीन ने एक इंटेलिजेंस इंटरप्राइज़ खड़ा किया है जिसमें कॉन्ट्रेक्ट हैकर भी शामिल हैं जो कि अपने लाभ के लिए दुनिया भर में ऐसे अभियानों को भी अंजाम देते हैं जिनकी अनुमति नहीं दी गयी होती है.
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