राजस्थान की सियासत हर रोज एक नया मोड़ ले रही है राजनीति पटल की ये लड़ाई अब सम्मान की लड़ाई बन गयी है खासतौर पर सचिन पायलट के लिए हालात कुछ ज्यादा अच्छे नही लग रहे है वो न तो अपने पुराने घर के रहे और ना ही वो नए घर की तलाश कर पा रहे है गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले सचिन पायलट राजस्थान के राजनीतिक मझधार में फंस गए हैं. न तो कांग्रेस में घर वापसी कर पा रहे हैं और न ही बीजेपी में शामिल होने का हिम्मत दिखा रहे हैं. बीजेपी के बड़े नेता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर ओम माथुर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खुले तौर पर पायलट को पार्टी में आने का ऑफर दे रहे हैं, लेकिन राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा गुट राजी नहीं है. वहीं, पायलट के कुछ समर्थक विधायक भी बीजेपी का दामन थामने पर उनका समर्थन नही करेंगे ऐसे में सवाल उठता है कि
पायलट के बीजेपी में एंट्री का दरवाजा किसने बंद करा दिए हैं? ये सवाल काफी पेचीदा बनता जा रहा है सचिन पायलट अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर के एक होटल में पिछले छह दिनों से रुके हुए हैं. इनमें सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस के विधायक और 3 निर्दलीय शामिल हैं. पायलट अभी तक अपने आगे के राजनीतिक सफर का फैसला नहीं ले सके हैं जबकि कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है. इसके अलावा उनके दो समर्थक मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई है और विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस देकर दो दिन में जवाब मांगा है हालांकि इस नोटिस के खिलाफ वो राजस्थान हाइकोर्ट तो जरूर गए है लेकिन इन सबके बीच ये कहना मुश्किल है कि पायलट अब किस पार्टी का जहाज़ उड़ाएंगे