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संसदीय सचिव मामले में BJP का कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला, बोले पूर्व मंत्री मूणत-'सियासी नौटंकी की, अब जनता से माफी माँगे CM भूपेश'

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने के लिए तीखा कटाक्ष कर कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्ववर्ती भाजपा प्रदेश सरकार द्वारा की संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर की गई सियासी नौटंकी और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को अकारण बदनाम करने के लिए अब पूरे प्रदेश से बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़
  • Jul 14 2020 3:05PM

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने के लिए तीखा कटाक्ष कर कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्ववर्ती भाजपा प्रदेश सरकार द्वारा की संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर की गई सियासी नौटंकी और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को अकारण बदनाम करने के लिए अब पूरे प्रदेश से बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए।

मूणत ने कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को लेकर विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री बघेल तत्कालीन भाजपा प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ कोर्ट तक चले गए थे, आज सत्ता में आने के बाद वही बघेल अपनी सरकार के कामकाज को लेकर कांग्रेस में ही मचे घमासान को शांत करने संसदीय सचिव नियुक्त करते हुए ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की फ़ितरत ही यही हो चली है कि जिन कामों का विपक्ष में रहकर वे विरोध करते रहे, आज वही ससारे काम वे कर रहे हैं। शराबबंदी के वादे से मुकर जाने और घर-घर शराब पहुँचाने वाले मुख्यमंत्री बघेल ने अब संसदीय सचिवों की नियुक्ति करके साबित कर दिया है कि प्रदेश की राजनीति में उनके जैसा और कोई आडंबरवादी नहीं है जिनकी पूरी राजनीति सिर्फ़ और सिर्फ़ सत्तावादी अहंकार की लालसा की पोषक होकर रह गई है। मूणत ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के इस दोहरे आचरण ने यह भी साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री बघेल को न तो लोकतांत्रिक परंपराओं की समझ से कोई वास्ता है और न ही वे संसदीय प्रक्रियाओं की सूझबूझ रखते हैं; मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के 13 मंत्रियों पर 15 संसदीय सचिव नियुक्त करने की यह कवायद इस बात की तस्दीक कर रही है।
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि पिछले 18 माह से प्रदेश सरकार को संसदीय सचिवों और निगम-मंडलों में नियुक्ति करने की सुध नहीं आई और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। लेकिन मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार की चलाचली की बेला में आनन-फानन ये नियुक्तियाँ करके प्रदेश में ‘वन मैन शो’ चला रहे मुख्यमंत्री बघेल सत्ता के विकेंद्रीकरण की पहल नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकार की नाकामियों से अपने ही दल में पनप रहे असंतोष और गुटबाजी के चलते मचे सत्ता-संघर्ष से डरकर वे फौरी तौर पर इस अंतर्कलह पर पानी छींटने की एक नाकाम कोशिश भर कर रहे हैं। मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल चाहे जितने जतन कर लें, उनकी सराकर का अपनी ही नाकामियों के बोझ में दब जाना अंतिम नियति है। मुख्यमंत्री बघेल का दलीय असंतोष से उपजा यह डर प्रदेश के लिए शुभ संकेत प्रतीत हो रहा है।

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