आईटी(IT) कंपनी टीसीएस 40,000 फ्रेशर्स की भर्ती करेगी
जुलाई के तीसरे हफ्ते से 40,000 ग्रेजुएट फ्रेशर को टीसीएस नौकरी पर रखने की घोषणा कर सकती है. टीसीएस के ईवीपी और ग्लोबल हेड ह्यूमन रिसोर्सेज मिलिंद लक्कड़ के मुताबिक, कंपनी जल्द ही फ्रेशर युवाओं से संपर्क कर सकती है.
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस कोरोना संकट के इस दौर में बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी लेकर आई है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के इस दौर में जहां ज्यादातर कंपनियां छंटनी और सैलरी में कटौती कर रही हैं, टीसीएस ने कहा है कि वह इस साल 40,000 फ्रेशर्स की भर्ती करने जा रही है.
जुलाई के तीसरे हफ्ते से 40,000 ग्रेजुएट फ्रेशर को टीसीएस नौकरी पर रखने की घोषणा कर सकती है. टीसीएस के ईवीपी और ग्लोबल हेड ह्यूमन रिसोर्सेज मिलिंद लक्कड़ के मुताबिक, कंपनी जल्द ही फ्रेशर युवाओं से संपर्क कर सकती है.
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस अब अमेरिका में कैंपस हायरिंग की मदद से चालू वित्त वर्ष में 2000 छात्रों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. इससे कंपनी की एच-1बी और L-1 वर्क वीजा पर निर्भरता कम होगी. दिलचस्प तथ्य यह है कि पिछले कुछ दिनों से अमेरिका में काम करने के लिए जरूरी वीजा पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना की वजह से छात्रों के शैक्षिक वर्ष में देरी होने की वजह से अब तक उनकी कंपनी में ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है, इसमें देरी हो रही है. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के ईवीपी और ग्लोबल एचआर हेड मिलिंद लक्कड़ ने कहा, "फ्रेशर को हायर करने की हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत में इस साल हम 35 से 45,000 तक फ्रेशर्स की नियुक्ति कर सकते हैं. इस रणनीति में किसी बदलाव की संभावना नहीं है."
टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने बताया कि टीसीएस अभी लेटरल हायरिंग को खोल रही है, इससे पॉजिटिव डिमांड का माहौल बना है. हालांकि उनकी तरफ से यह साफ नहीं किया गया है कि हायरिंग किस क्षेत्र में होगी.
टीसीएस हर साल मार्च में नियुक्ति करती है, लेकिन इस बार कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते मार्च में लेटरल हायरिंग को फ्रीज कर दिया गया था. जून-तिमाही के अंत में टीसीएस में कुल कर्मचारियों में की संख्या 4.43 लाख रह गई है.
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