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विधायकों की खरीद-फरोख्त की कहानी मनगढंत : शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने एक ही व्यक्ति को बताया पूरी स्क्रिप्ट का राइटर, निर्देशक और अभिनेता

Namit Tyagi , twitter @NamitTyagi1
  • Jul 11 2020 5:30PM
जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को मनगढ़त कहानी करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस विधायक को लेकर यह आरोप लगाया गया, उसी कुशलगढ़ की विधायक रमिला खड़िया बयान अखबार में छपा है कि उनसे तो किसी ने संपर्क नहीं किया।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव के समय जिस तरह की परिस्थितियां पैदा की गईं, तभी मैंने कहा था कि यह ऐसी फिल्म है, जिसके स्क्रिप्ट राइटर, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता, सब एक ही व्यक्ति है। आपसी विग्रह का समाधान करने, हमारी पार्टी को बदनाम करने, हमारी पार्टी के लोगों को बदनाम करने और उनका नाम लेकर अपनी पार्टी के बिखराव को टारगेट करके अपने ही अध्यक्ष को निपटना है। यह इस सबकी प्रक्रिया का हिस्सा है। शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस सबका पटाक्षेप करने के लिए इस तरह का मुकदमा दर्ज किया गया।

दो खेमों में बंटी है सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार
अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर शेखावत ने कहा कि यह मेरा विषय नहीं है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अविश्वास दो खेमों में पराकाष्ठा पर है। सत्तारूढ़ पार्टी और सत्तारूढ़ सरकार, दोनों स्पष्ट रूप से दो खेमों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं। आम आदमी भी इस बात को महसूस कर सकता है। मुझे लगता है कि अब इसके लिए तो किसी के पास आंखें होने की भी आवश्यकता नहीं है। सिर्फ मामूली सी समझ रखने वाला हरेक राजस्थानी यह जानता है। प्रदेश के चार करोड़ मतदाता इस बात को जानते हैं।

किनके फोन टेप किए, नाम बताए सरकार
शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार और इनके सूचना तंत्र को खुलासा करना चाहिए कि किन-किन विधायकों और सांसदों के फोन टेप किए। उस पर क्या-क्या सुना गया। उनकी पार्टी के कौन लोग जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के लोगों का शिकार करने के लिए इस तरह की रचना करना राजस्थान में नई राजनीति की शुरुआत है।

विधायक ने कैसे मनाया बर्थडे
कोरोना को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से हालात चिंताजनक हैं। राजस्थान सरकार को और अधिक गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, लेकिन जब समाज के लीडर्स, राजनीतिक नेता, जिन्हें देखकर लोग प्रोत्साहित होते हैं, वही अगर इसकी पालना न करें तो निश्चित रूप से समाज में विपरीत संदेश जाता है। मैंने हाल में पढ़ा कि जोधपुर जिले के एक विधायक ने अपना बर्थडे मनाया। उसमें सैकड़ों लोगों समेत सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि साधारण आदमी विवाह करे तो कलक्टर से 50 लोगों की अनुमति लेनी पड़ती है। किसी के घर देहवासन हो जाए तो 20 लोगों से ज्यादा को जाने की अनुमति नहीं है। अगर एक विधायक अपना बर्थडे मनाए, वो भी जब देश में 20 हजार लोग मर चुके हैं, ऐसे में समारोह करना अपने आप में अपमानजनक है। मैं मानता हूं कि हम राजनेताओं को भी अपने गिरेबां में झांककर देखने की आवश्यकता है।
सत्तारूढ़ पार्टी के नेता खतरे में डाल रहे लोगों की जान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि कहीं न कहीं सत्तारूढ़ पार्टी के नेता, ये तो आज अनलॉक की स्थिति है, लॉकडाउन में भी यही स्थिति थी, टेंट लगाकर राशन बांटे जा रहे थे, एक राशन देने के लिए की ये हमारी सरकार द्वारा दिया गया है, ये सिद्ध करने के लिए आप हजारों लोगों की जान खतरे में डाल रहे हो।

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