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10 जुलाई- 2017 में इस्लामिक आतंक के शिकार बने 8 अमरनाथ यात्रियों को शत शत नमन.

वामपंथियों के सभी सेक्युलरिज्म कायदे दम जैसे तोड़ गए थे इस हमले के दौरान.

Rahul Pandey
  • Jul 10 2020 6:48AM

बहुत कम लोग ही इन 8 अमर योद्धाओ के बारे में जानते होंगे . उन्हें नहीं पता होगा इनका बलिदान जिन्होंने हर हर माहदेव के नारों के साथ अपने प्राण त्यागने ठीक समझे लेकिन अपनी शिवभक्ति से पीछे नहीं हटे .. इन पर हमला करने वाले वही हैं जिनके हर रक्तपात के बाद तत्काल ही हर कोने से आवाज आने लगती है की आतंक का कोई धर्म नहीं होता .. यद्द्पि राष्ट्र ने भी इनके बलिदान को भुला दिया जिसे आज याद दिला रहा है सुदर्शन न्यूज . मात्र 3 साल पुरानी घटना है ये और इतनी जल्दी इस पर सोची समझी साजिश के तहत पर्दा डाल दिया गया जिसमे बड़ा योगदान खुद को निष्पक्ष कहने वाले कुछ मीडिया वर्ग के लोगों का भी है .

 १० जुलाई सन 2017 को इस्लामिक आतंक प्रभावित जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित हिन्दू तीर्थ गुफ़ा अमरनाथ की श्रावण यात्रा को जा रहे श्रद्धालुओं के जत्थे पर १० जुलाई २०१७ को आतंकवादियों ने आक्रमण (हमला) किया था।इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के द्वारा किये गये इस आतंकी हमले में ७ श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी। भारत का आरोप है कि, इस आक्रमण में लश्कर ए तैयबा का आतंकी इस्माइल मुख्य आरोपी है। १० जुलाई २०१७ दिनांक और तदनुसार श्रावण मास के प्रथम सोमवार को अनन्तनाग ज़िले में ये कट्टरपंची विचारधारा से हमला किया गया था..निशाना बने यात्री गुजरात के रहने वाले हैं. बस का नंबर GJ09 Z 9976 है और गुजरात के साबरकांठा से रजिस्‍टर्ड है. बस में 17 यात्रियों में सवार थे. आतंकियों ने शाम को फायरिंग की. इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की. इसी दौरान अमरनाथ यात्रियों को बालटाल से मीर बाजार ले जा रही एक बस रास्‍ते में आ गई.

. ये ऐसा पहला मामला नहीं था जब अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को आतंकियों ने निशाना बनाया है. इससे पहले जुलाई 2002 में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर हथगोला फेंका था और गोलियां चलाई थीं जिसमें दो यात्री वीरगति को प्राप्त हुए थे और इसके अलावा दो लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद उसी साल 6 अगस्त 2002 को आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों के कैंप पर हमला किया था जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी और 30 घायल हुए थे. आज एक वर्ष बाद उन सभी वीगति पाए उन सभी 8 शिवभक्तों को उनके बलिदान दिवस पर सुदर्शन परिवार बारम्बार नमन करते हुए उनकी पुण्यस्मृति को सदा सदा अमर रखने का संकल्प लेता है .

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