UP ATS द्वारा धर्मांतरण जिहाद की रैकेट का पर्दाफ़ाश करने के बार इस मामले में हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. एटीएस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि कानपुर में करीब 350 लोग उमर गौतम के निशाने पर थे. वह इन लोगों का धर्म बदलने की फिराक में था. जांच एजेंसी ने ये भी खुलासा किया है कि 350 लोगों का धर्म बदलने का लक्ष्य दिसंबर तक का रखा गया है. लेकिन UP ATS के एक्शन की वजह से उसकी ये कोशिश पहले ही नाकाम हो गई तथा तय समय से पहले ही लखनऊ से उमर और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया.
यूपी एटीएस ने खुलासा किया है कि मास लेवल पर धर्मांतरण के लिए उमर और जहांगीर ने कानपुर में करीब 2 दर्जन ट्रेनर्स तैयार किए थे. ये लोग शहर के अलग-अलग इलाकों में लोगों को बरगला रहे थे. ताया जा रहा है कि इन सभी लोगों की ट्रेनिंग का पूरा खर्च उमर की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर ने के द्वारा उठाया जा रहा था. ट्रेनिंग के दौरान धर्मांतरण गैंग को बताया गया था कि परेशान और मूक-बधिर लोगों को बरगलाकर उन्हें धर्म बदलने के लिए झांसे में लिया जाए. धर्मांतरण गैंग का लक्ष्य कानपुर में दिसंबर तक 350 लोगों का धर्म बदलना था.
इस लक्ष्य तक पहुंचने के बाद 2022 में भी ये लोग बड़ा टारगेट रखने वाले थे. इसके लिए बड़े लेवल पर गैंग को नियुक्त भी कर दिया गया था. लेकिन उससे पहले ही उनकी काली करतूतों का पर्दाफाश हो गया. एटीएस उन सभी ट्रेनर्स की भी तलाश में जुट गई है तथा उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. धर्मांतरण केस में उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वाड टीम इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) से मिले दस्तावेजों के आधार पर 7 राज्यों में जांच कर रही है, इन राज्यों में मणिपुर, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, मध्य प्रदेश और बिहार शामिल हैं.
आईडीसी में हुई पड़ताल के बाद 81 पन्नों का ब्यौरा सामने आया था. इनमें बीते डेढ़ साल में कराए गए धर्मांतरण के सारे मामले दर्ज हैं. इसी को आधार बनाकर एटीएस जांच करेगी. पता चला है कि मुफ्ती काजी जहांगीर के जरिए 7 जनवरी 2020 से 12 मई 2021 तक 33 लोगों का धर्मांतरण करा दिया गया था. धर्मांतरण करने वालों में 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल थे. दिल्ली से 14, यूपी से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, असम, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल जैसे राज्यों से 1-1 शख्स ने धर्म परिवर्तन किया.
हैरान कर देने वाली बात ये है कि जिन लोगों की डिटेल्स सामने आई है, उनमें से पढ़े लिखे लोग ज्यादा हैं. लिस्ट के मुताबिक धर्म बदलने वालों में सरकारी नौकरी वाले, बीटेक की पढ़ाई कंप्लीट करने वाले, शिक्षक, सॉफ्टवेयर इंजीनयर जैसे दिग्गज प्रोफेशन वाले लोग शामिल हैं. इनमें एमबीबीएस, एम फॉर्मा करने वाले लोग भी शामिल हैं. एटीएस सूत्रों के मुताबिक जो डायरी और दस्तावेज उमर गौतम के यहां से मिले हैं उसमें इन सभी तथ्यों के बारे में जानकारी मौजूद है. प्रदेश में कई और शहर उसने इसी तरह से टारगेट किए थे. जहां पर धर्म परिवर्तन कराने को लेकर ट्रेनरों की नियुक्ति कर दी गई थी. अब टीम उन ट्रेनरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.