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कॉरपोरेट जगत शिक्षा क्षेत्र में निवेश करें - एचआरडी मंत्री

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल ने कॉरपोरेट जगत से आह्वान किया कि वो आगे बढ़कर इस संकट काल में शिक्षा क्षेत्र का सहयोग करें. उन्होनें कहा कि शिक्षा क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से निवेश के लिए खुला है. कॉर्पोरेट जगत को इस अवसर को भुनाना चाहिए और इसमें निवेश करना चाहिए ताकि हम देश की शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बना सकें

Alok Jha
  • Jul 9 2020 3:30PM
एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज एसोचैम द्वारा आयोजित "कोविड-19 के खतरे को शिक्षा के एक नए मॉडल के रूप में बदलना" के विषय पर आयोजित शिक्षा संवाद को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होनें कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था में कोविड काल में किस बदलाव और चुनौतियां आयी और किस प्रकार से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस चुनौती को अवसर में बदला ।
 
इस शिक्षा संवाद में एसोचैम के अध्यक्ष और हीरानंदानी ग्रुप के प्रबंध-निदेशक श्री निरंजन हीरानंदानी, एसोचैम के महासचिव श्री दीपक सूद, एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स के अध्यक्ष डॉ प्रशांत भल्ला, एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के सह अध्यक्ष और शोभित यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र, एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के सह अध्यक्ष और अशोका यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं ट्रस्टी श्री विनीत गुप्ता, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री अशोक कुमार मित्तल, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलाधिपति और चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के संस्थापक अध्यक्ष सरदार सतनाम सिंह संधू और एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के सीनियर डायरेक्टर एवं हेड श्री नीरज अरोड़ा भी मौजूद थे.
एचआरडी मंत्री ने कहा, "कोरोना के कारण सामने आयी चुनौतियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अवसर में बदला. इस बीच जितने भी निर्णय लिए गए उसमें लगातार बदलती परिस्थितयों को ध्यान में रखा गया. कोई भी निर्णय लेते समय हमनें छात्रों के भविष्य के साथ साथ उनके स्वास्थ को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता दी. माननीय प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में और माननीय वित्त मंत्री जी की दूरदर्शिता से हमनें पीएम ई-विद्या, वन नेशन, वन चैनल जैसी पहल शुरू की जिससे कि हम सभी वर्गों तक इस संकट काल में शिक्षा पहुंचा सकें. महामारी के कारण शिक्षण संस्थान बंद रखने पड़े इसलिए हमने डिजिटल शिक्षा पर फोकस किया और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, नैनोटेक्नोलाजी, वोकेशनल ट्रेनिंग, जैसी चीज़ों पर ध्यान दिया. इससे आने वाले समय में छात्रों का समग्र विकास होगा.”
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में जितनी जिम्मेदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रति है उतनी ही जिम्मेदारी उच्च शिक्षण संस्थानों की समाज के प्रति है और मुझे ख़ुशी है कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों ने इस अभूतपूर्व आपातकाल में अपने सराहनीय अनुसंधानों द्वारा इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है.
आगे रमेश पोखरियाल ने कॉरपोरेट जगत से आह्वान किया कि वो आगे बढ़कर इस संकट काल में शिक्षा क्षेत्र का सहयोग करें. उन्होनें कहा कि शिक्षा क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से निवेश के लिए खुला है. कॉर्पोरेट जगत को इस अवसर को भुनाना चाहिए और इसमें निवेश करना चाहिए ताकि हम देश की शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बना सकें.
 
डॉ निशंक ने डिजिटल इंडिया, वोकल फॉर लोकल, देश में व्याप्त डिजिटल डिवाइड इत्यादि जैसे विषयों पर भी बात की. डिजिटल डिवाइड पर बात करते हुए उन्होनें इस दिशा में उठाये गए कदमों के बारे में भी बताया.

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