सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

हिंदू से ईसाई बने धर्मेंद्र ने भुला दी मां की ममता, मुखाग्नि देने से ही कर दिया इंकार... रिश्तों पर भारी धर्मान्तरण

मृतक महिला ने कभी हिंदुत्व नहीं छोड़ा, इसलिए उनकी नातिन श्वेता (बेटी की बेटी) ने आकर उनका अंतिम संस्कार किया तथा मुखाग्नि दी

Abhay Pratap
  • Jun 7 2021 6:56PM

हिंदुस्तान में हिन्दुओं पर धर्मान्तरण का कहर किस कदर गिर रहा है, किस तरह धर्मान्तरण के चक्र में फंसकर हिंदू समाज अपने संस्कारों व मर्यादाओं को भूलता जा रहा है, उसका सबसे जीवंत प्रमाण ये खबर है. हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई बने धर्मेंद्र उर्फ़ डेविड पर धर्मान्तरण का खुमार इस कदर चढ़ा कि वह मां की ममता को, मां बेटे के रिश्ते को ही भूल दिया. धर्म परिवर्तन कर डेविड बने धर्मेंद्र ने अपनी मां के पार्थिव शव को मुखाग्नि देने से ही इंकार दिया. उसके बाद मृतक महिला की नातिन(बेटी की बेटी) ने उन्हें मुखाग्नि दी.

रिश्तों की मर्यादा पर भारी धर्मान्तरण का ये मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है जहां श्वेता नाम की लड़की अपने नानी का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्वालियर आई. खबर के मुताबिक़, ग्वालियर की सरोज देवी नाम की महिला का निधन हो गया और ईसाई धर्म अपना चुके उसके बेटे ने हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. यह बात जब सरोज बीवी की नातिन श्वेता को पता चली तो वह झारखंड से 1100 किलोमीटर का सफर तय करके ग्वालियर आई और उसने अपनी नानी का अंतिम संस्कार किया.

खबर के मुताबिक़, धर्मेंद्र उर्फ़ डेविड चाहता था कि उसकी माँ के पार्थिव शरीर को ईसाई विधियों के अनुसार कब्रिस्तान में दफनाया जाए. लेकिन मृतक महिला की आस्था हिंदुत्व में ही थी. इस बीच डेविड उर्फ़ धर्मेंद्र ने अपनी मां को मुखाग्नि देने से इंकार कर दिया और कहा कि वह किसी भी हिंदू रीति रिवाज को नहीं मानेगा. इसके बाद झारखंड से 1100 किलोमीटर का सफर तय कर उनकी नातिन श्वेता(बेटी की बेटी) वहां आई और उन्होंने अपनी नानी को मुखाग्नि दी.

इसके बाद नातिन श्वेता सुमन ने नानी की मौत और अपने मामा द्वारा ईसाई धर्मांतरण किए जाने के सम्बन्ध में जाँच कराने के लिए स्थानीय SP के समक्ष आवेदन दिया है. शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनके मामा उनकी नानी पर जबरन ईसाई धर्मांतरण के लिए दबाव डालते थे. सरोज देवी की मौत बुधवार को ही हो गई थी लेकिन दफनाने की जिद के कारण डेविड ने अंतिम संस्कार नहीं किया. श्वेता का कहना था कि उनकी नानी ने मृत्यु तक किसी अन्य मजहब को स्वीकार नहीं किया और हिन्दू बनी रहीं, इसीलिए सनातन प्रक्रिया से उनका अंतिम संस्कार मैंने किया है.

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार