इनपुट- अखिल तिवारी
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर की पुस्तक 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वर्णिम भारत के दिशा सूत्र' के लोकार्पण के दौरान संघ पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की दृष्टि ही संघ की दृष्टि रही है। योगी आदित्यनाथ ने संघ के सेवा, समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि संघ को वास्तव में वही समझ सकता है जो संगठन की सेवा दृष्टि से परिचित हो। देश के हर विपरीत संकट, आपदा, समस्या के दौरान संघ ने जो भेदभावरहित निस्वार्थ समर्पण दिखाया है वही देश की प्राचीन संस्कृति है। योगी आदित्यनाथ ने पुस्तक विमोचन के दौरान संघ के विगत 96 वर्षों से किये गए अनवरत परिश्रम एवं भारतीय संस्कृति के लिए किए व्यापक प्रचार प्रसार को भी याद करते हुए कहा कि संघ एक ऐसा संगठन है जिसने सदैव राष्ट्र धर्म का पालन किया है और यही राष्ट्र धर्म ही प्रत्येक स्वयंसेवक का उद्देश्य, लक्ष्य एवं धर्म है।
वसुधैव कटुम्बकम और सर्वेभवन्तु सुखिनः संघ के ध्येय वाक्य-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुस्तक विमोचन के दौरान संघ द्वारा भारत की प्राचीन वसुधैव कटुम्बकम और सर्वेभवन्तु सुखिनः के ध्येय वाक्यों को मूलमंत्र बनाकर पूर्वयोजना एवं पूर्णयोजना के साथ किये कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि संघ का कार्यकर्ता गांव के नागरिकों से लेकर आपदाकाल में बेहद संवेदनशीलता एवं कुशलता से काम किया है। देश की हर विपत्ति में सेवाभाव एवं समर्पण की जो मिसाल संघ ने प्रस्तुत की है वो अनुसरणीय है। संघ ने केदारनाथ, बद्रीनाथ आपदा से लेकर कोरोना जैसी महामारी के समय भी सेवाभाव की नई परिभाषा गढ़ी है।
भारत के सुनहरे भविष्य का मार्गदर्शन करने वाला संगठन
योगी आदित्यनाथ ने संघ को भारत के सुनहरे भविष्य का मार्गदर्शन करने वाला संगठन बताते हुए कहा कि संघ के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है जिससे भावी पीढ़ी को सेवाभाव के लिए प्रेरित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने सुनील आंबेकर की पुस्तक को भारत की विकास यात्रा में एक अहम भूमिका निभाने वाला कदम बताया है और कहा कि यह पुस्तक 2025 में संघ स्थापना के शताब्दी वर्ष में लोगों को देश की प्राचीनतम दर्शन एवं संघ के सेवाभाव को प्रदर्शित करने का काम करेगी।