निकिता तोमर की निर्मम हत्या के बाद अब नीतू के साथ जो कुछ भी हुआ वो भले ही राजधानी दिल्ली की घटना के चलते चर्चा का विषय बन गया हो पर देश के कई हिस्सों में आज भी ऐसी तमाम घटनाएँ वामपंथी साजिशो के बोझ में दब कर रह जाती हैं.. फिर भी वामपंथी तत्व किसी भी हाल में इसको स्वीकार करने से परहेज कर रहा है..
विदित हो कि शास्त्रों में साफ़ वर्णन है कि प्रत्यक्षम किम प्रमाणम ? अर्थात जो कुछ भी सामने आँखों के आगे हो और चल रहा हो उसको सबूत की जरूरत नहीं होती लेकिन वो वामपंथी तत्व ऐसा कैसे मान ले जो किसी भी शास्त्र और ग्रन्थ को साम्प्रदायिक घोषित कर के विदेशी मार्क्स और लेनिन के नियमो पर चलते हैं..
मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली के बेगमपुर इलाके में 17 वर्षीय एक नाबालिग लड़की की हत्या के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है. पुलिस ने इलाके में बैरिकेड लगाए हैं. पीड़ित के परिवार से मीडिकर्मियों के भी मिलने पर मनाही है. ध्यान देने योग्य है कि यह मामला शुक्रवार की शाम का है.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के सूत्रों के मुताबिक मरने वाली लड़की अपने परिवार के साथ बेगमपुर में रहती थी. शुक्रवार शाम को पास में रहने वाला लईक खान नाम का युवक जबरदस्ती करके लड़की के घर में घुसा और उसके सिर पर हथौड़े से ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए. लड़की की हत्या के बाद हत्यारा लईक वहां से फरार हो गया.
हैरानी की बात ये है कि इस पूरे मामले में अब तक कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता , महिला सम्मान के ठेकेदार चुप हैं.. बात बात में असहिष्णुता का दावा करने वाला सेक्युलर तत्व कुछ बोल नही रहा और वामपंथी वर्ग ने तो सीधे सीधे कन्नी काट ली है.. हाथरस में में अति सक्रिय मीडिया का विशेष वर्ग भी इस विषय में चुप्पी साधे हुए है.