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FactCheck- क्या चीनी फौजियों ने छीन लिए थे भारतीय सेना के हथियार और बना लिया था उन्हें बंधक ? जानिये सच

क्या सोशल मीडिया और कुछ अन्य जगहों पर आ रही खबर सत्य है ?

Sudarshan News
  • May 25 2020 10:11PM

भारत (India) और चीन (China) के बीच खराब संबंधो का दौर जारी है l और अब इस बीच खबर आ रही है की दोनों देश की सेनाओं के बीच स्तिथि समान्य नहीं है l कुछ जगहों पर भ्रामक खबर थीं कि लद्दाख में तनाव के बीच भारतीय जवानों को चीनी जवानों ने हिरासत में ले लिया गया था और बाद में रिहा कर दिया l सेना की ओर से इस तरह की खबरों का रविवार को खंडन किया गया lसेना ने एक बयान जारी कर उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि चीन ने भारतीय सैनिकों को बंधक बनाया था l सेना के अनुसार, यह पूरी तरह भ्रामक और गलत खबर है l ऐसी खबरें राष्ट्र हित में नहीं है l इससे पहले सेना की ओर से कहा गया था कि चीन की ओर से भारतीय जवानों को हिरासत में नहीं लिया गया था और न ही उनके हथियार छीने गए थे l

सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के पैंगोंग सो झील और गलवां नदी घाटी समेत कुल तीन जगहों पर 300 सैनिकों की तैनाती के साथ चीन ने अपना दावा किया, जिसके बाद भारत ने भी अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। रायसीना हिल्स को भेजी गई कुछ रिपोर्टों के अनुसार चीनी भारतीय क्षेत्र के अंदर अच्छी तरह से आने में कामयाब रहे थे और मोटर नौकाओं के साथ आक्रामक गश्त भी कर रहे हैं. घटनाओं के अनुक्रम के बारे में वरिष्ठ स्तर के एक अधिकारी कहते हैं कि "यह एक बड़े पैमाने पर निर्माण था, लेकिन अब चीजें थोड़ी कम हो गई हैं, लेकिन अभी तक खत्म नहीं हुई है." उनके अनुसार अब दोनों पक्षों की उपस्थिति बराबर है. वह आगे खुलासा करता हैं कि "चीन ने गैल्वान के साथ तीन अलग-अलग स्थानों पर टेंट खड़े किए हैं." 

सूत्र का कहना है कि, हमारे उपग्रह की निगरानी और खुफिया जानकारी से पता चला है कि चीन ने गलवां नदी के पास भारतीय गश्ती क्षेत्र के पास सैनिकों के लाने जाने और सामानों की आपूर्ति के लिए क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण किया है। वहीं, दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 81 ब्रिगेड के अधिकारियों और उनके चीनी समकक्षों के बीच बैठकें हो रही हैं।  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विकासशील स्थितियों की दैनिक समीक्षा कर रहे हैं l इस तरह की समीक्षा के बाद उस क्षेत्र में स्थापित सुरक्षा को मजबूत करने का निर्णय लिया गया l इसके बाद भारत ने भी गालवान क्षेत्र में अपने सैनिकों को मजबूत किया l

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