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खान - पान की परम्परागत व स्वस्थ्यवर्धक शैली की तरफ उत्तराखंड. देवभूमि के रक्षको को सप्ताह में 1 दिन अनिवार्य रूप से मिलेगा स्वदेशी पहाड़ी व्यंजन

सेहत की रक्षा के साथ परम्परा का भी संरक्षण.

Rahul Pandey
  • Jan 22 2021 10:06PM

देवभूमि उत्तराखंड में जो पहल शुरू की गई है यकीनन वो न सिर्फ अपनी संस्कृति के साथ सेहत के संरक्षण में सहायक साबित होने वाली है बल्कि माना ये भी जा रहा है कि जल्द ही इसका अनुसरण बाकी राज्यों के द्वारा भी किया जा सकता है.. जिनकी भुजाओं के दम पर देवभूमि की सुरक्षा सुनिश्चित है , अब उन्हें उनके परम्परागत खाने का स्वाद उनके मेस में ही मिलेगा.

विदित हो कि उत्तराखंड पुलिस में आमूलचूल सकारत्मक बदलाव करने के लिए अथक प्रयास कर रहे नवनियुक्त DGP IPS अशोक कुमार के एक नए आदेश से देवभूमि के रक्षको में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है. उन्हें अपने घर से दूर ड्यूटी करते हुए अपने घर में बने खाने जैसा स्वाद उनके ड्यूटी स्थल पर जल्द मिलने वाला है.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार अब पुलिस के मैस से आएगी पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू. अपने अधीनस्थ स्टाफ का ध्यान रखने के साथ साथ पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड की एक शानदार पहल के रूप में इस आदेश को देखा जा रहा है.

यकीनन अपने पुलिसकर्मियों के खान पान जैसे मुद्दों पर ध्यान रखने की आदत के चलते ही वर्तमान DGP की कार्यशैली उन्हें बाकी प्रदेशो के पुलिस प्रमुखों से अलग बनाती है. मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड के पहाड़ी व्यंजन जहां स्वाद में भरपूर हैं वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी माने जाते हैं।

उत्तराखंड की पौष्टिक मंडवे की रोटी,  चटपटा कंडाली का साग,  सोंधा फाणू, डुबुक, गहत की दाल, काले भट्ट, झंगोरे की खीर ये कुछ ऐसे नाम हैं जिनसे पहाड़ की खूबसूरती की अविस्मरणीय सुगंध आती है। पहाड़ के इन्हीं उत्पादों को मंच देने की ऐसी ही शानदार कोशिश उत्तराखण्ड पुलिस के प्रमुख द्वारा वृहद स्तर पर की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड IPS अशोक कुमार ने प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों एवं सेनानायकों को सर्कलुर जारी कर जनपद, इकाई, थाना/चैकियों एवं डिटैचमैन्ट पर चलने वाले भोजनालयों (मैस) में सप्ताह में एक बार उत्तराखण्डी भोजन (गढ़वाली/कुमाऊँनी) बनाये जाने हेतु निर्देशित किया है।

अपने इस आदेश के बारे में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने मीडिया को बताया कि उत्तराखण्ड का पारंपरिक खानपान गुणवत्ता और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी माना गया है। इससे जहां एक ओर स्थानीय उत्पादनों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। 

फ़िलहाल घर से दूर सेवा दे रहे पुलिस बल के लिए ये आदेश न सिर्फ शारीरिक शक्ति देने में लाभदायक साबित होगा बल्कि उनको मानसिक रूप से भी उनके घर में होने जैसा एहसास करवाएगा और स्वस्थ तन व् स्वस्थ मन से उत्तराखंड पुलिस के जवान अपने प्रदेश की सुरक्षा और भी मन व् लगन के साथ करेंगे.. 

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