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25 अक्टूबर : बलिदान दिवस वीर क्रांतिकारी रामकृष्ण रॉय जी...जिन्होंने की थी तीन क्रूर ब्रिटिश जिला मजिस्ट्रेट की हत्या

बलिदान दिवस पर वीर क्रांतिकारी रामकृष्ण रॉय जी को सुदर्शन न्यूज का बारम्बार नमन

Sumant Kashyap
  • Oct 25 2024 8:03AM

आज़ादी के ठेकेदारों ने जिस वीर के बारे में नही बताया होगा , बिना खड्ग बिना ढाल के आज़ादी दिलाने की जिम्मेदारी लेने वालों ने जिसे हर पल छिपाने तो दूर सदा के लिए मिटाने की कोशिश की ,, उन लाखों सशत्र क्रांतिवीरों में से एक थे राम कृष्ण रॉय जी. ऐसे पावन वीर बलिदानी के बलिदान दिवस पर सुदर्शन न्यूज उन्हें बारम्बार नमन , वंदन और अभिनंदन करता है और उनकी गौरव गाथा को सदा जीवित रखने का संकल्प भी बार बार दोहराता है. 

जानकारी के लिए बता दें कि राम कृष्ण रॉय जी का जन्म 1911 में द्वारिबंद (पश्चिम मेदिनीपुर) के पास चिरिमारसाई में हुआ था.राम कृष्ण रॉय जी का पिता का नाम केनाराम रॉय था. उनकी माता का नाम भबतारिणी देवी था. 1922 में तीसरी कक्षा के छात्र के रूप में उनका दाखिला मिदनापुर टाउन स्कूल में हुआ. वह ब्रिटिश भारत के एक क्रांतिकारी संगठन, बंगाल वालंटियर्स में शामिल हो गए. राम कृष्ण रॉय जी 1926 के आम चुनाव में बीरेंद्रनाथ ससमल के साथ भी काम किया. 1928 से उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के साथ काम किया.

बता दें कि मजिस्ट्रेट पैडी और रॉबर्ट डगलस की हत्या के बाद कोई भी ब्रिटिश अधिकारी मिदनापुर जिले का प्रभार लेने के लिए तैयार नहीं था. बर्नार्ड ईजे बर्गे, एक जिला मजिस्ट्रेट मिदनापुर जिले में तैनात थे. बंगाल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के सदस्य अर्थात् रामकृष्ण रॉय जी, ब्रजकिशोर चक्रवर्ती जी, प्रभांशु शेखर पाल जी, कामाख्या चरण घोष जी, सोनातन रॉय जी, नंदा दुलाल सिंह जी, सुकुमार सेन गुप्ता जी, बिजॉय कृष्ण घोष जी, पूर्णानंद सान्याल जी, मणिंद्र नाथ चौधरी जी, सरोज रंजन दास कानूनगो जी, शांति गोपाल सेन जी, शैलेश चंद्र घोष जी, अनाथ बंधु पांजा जी और मृगेंद्र दत्ता जी आदि ने उनकी हत्या करने का फैसला किया.

दरअसल, अनाथबंधु पांजा जी, रामकृष्ण रॉय जी, ब्रजकिशोर चक्रवर्ती जी, निर्मल जिबन घोष जी और मृगेन दत्त जी ने उसे गोली मारने की योजना बनाई, जब बर्ज फ्रांसिस ब्रैडली ब्रैडली-बर्ट द्वारा नामित एक फुटबॉल मैच (ब्रैडली-बर्ट फुटबॉल टूर्नामेंट) खेल रहा था. बता दें कि मिदनापुर के पुलिस मैदान में 2 सितंबर 1933 को पुलिस परेड ग्राउंड में फुटबॉल मैच के आधे समय के दौरान बर्ज की उनके द्वारा हत्या कर दी गई. जानकारी के लिए बता दें कि डीएम के अंगरक्षक द्वारा अनाथबंधु जी को तुरंत मार दिया गया और अगले दिन मृगेन दत्ता जी की अस्पताल में मृत्यु हो गई. मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट की हत्या के आरोप से अनाथबंधु पांजा जी और मृगेन दत्ता जी को बरी कर दिया गया. 

ब्रजकिशोर और उनके दोस्त रामकृष्ण रॉय और निर्मलजीबन घोष इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे; लेकिन अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बंगाल आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1930 के तहत मुकदमे का मजाक उड़ाते हुए, उन सभी को मौत की सजा दी गई। 25 अक्टूबर 1934 को, ब्रजकिशोर चक्रवर्ती को मिदनापुर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई.

रामकृष्ण रॉय जी और उनके दोस्त ब्रजकिशोर चक्रवर्ती जी और निर्मलजीबन घोष जी इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे. लेकिन अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बंगाल आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1930 के तहत मुकदमे का मजाक उड़ाते हुए, उन सभी को मौत की सजा दी गई. जानकारी के लिए बता दें कि 25 अक्टूबर 1934 को रामकृष्ण रॉय जी को और ब्रजकिशोर चक्रवर्ती जी को मिदनापुर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई. ऐसे पावन वीर बलिदानी के बलिदान दिवस पर सुदर्शन न्यूज उन्हें बारम्बार नमन , वंदन और अभिनंदन करता है और उनकी गौरव गाथा को सदा जीवित रखने का संकल्प भी बार बार दोहराता है.

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