सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक और धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने आज यानी गुरुवार को मुंबई में आयोजित Janata NRC (जनता एनआरसी) और घुसपैठिया मुक्त महाराष्ट्र के मुद्दे पर प्रेस वार्ता के बाद कहा कि, इस प्रेस संवाद के जरिए लोगों को महाराष्ट्र सहित देश की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में बढ़ने वाले घुसपैठियों के प्रति सावधान और जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि, "10 करोड़ घुसपैठिए पूरे भारत में आए हैं और महाराष्ट्र में करीब 80 लाख से एक करोड़ घुसपैठिए। तो साढ़े 13-14 करोड़ के महाराष्ट्र के लोगों में 1 करोड़ लोग अगर घुसपैठिए हैं तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये कितनी बड़ी समस्या है।"
इसके बाद उन्होंने श्री चव्हाणके ने कहा, घुसपैठियों से होने वाली समस्या को समझाने के लिए महाराष्ट्र सरकार चुनाव डिकलेयर होने के पहले एनआरसी की घोषणा करे, ऐसा हम चाहते हैं। सारे राजनैतिक दल अपने-अपने अजेन्डे इसका संकल्प लें, ये भी हम चाहते हैं। अगर वो नहीं करते हैं तो जनता NRC करेगी।
जनता NRC और अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर केंद्रित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उरी सर्जिकल स्ट्राइक के नायक- लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र रामराव निम्भोरकर, महाराष्ट्र नागरिक समाज के संयोजक व सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक- डॉ. सुरेश चव्हाणके जी, और वीर सावरकर जी के पोते- श्री रणजीत सावरकर जी उपस्थित रहें।
श्री सुरेश चव्हाणके जी ने कहा कि, Janata NRC के तहत घुसपैठियों के खिलाफ हमने पूरे महाराष्ट्र में टीमें बनाई है। साढ़े 18 हजार ग्राम पंचायत और 44 हजार गांवों में पहुँच कर हम ये सर्वे करेंगे। इसमें जन-जागरण, फिर सर्च, डिटेक्ट, डिलीट एंड डेपोर्ट ये सब कुछ किया जाएगा।
घुसपैठियों से व्यक्तिगत सुरक्षा से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक सभी को खतरा है। किसी का रोजगार, तो बच्चे के मुंह का निवाला छिन रहा है, किसी की जमीन छिन रही है, किसी की इज्जत छिन रही है, भारत माता की सुरक्षा छिन रही है।घुसपैठिए हमारे व्यक्तिगत से लेकर राष्ट्रीय तक सभी के लिए सुरक्षा का मुद्दा है।
इस आंदोलन में हम NRC की मांग कर रहे हैं, नहीं करने पर जनता NRC की अपील करेंगे। वहीं सरकार और जनता से अपील करते हुए श्री सुरेश चव्हाणके जी ने कहा की, "इस मुद्दे को समझे और जनता NRC लागू करें जिसके लिए मैं अपील करता हूं जनता से कि इसका समर्थन करें और इस नंबर पर जुड़े, 9209204204 पर missed call करें।
अफगानी, पाकिस्तानी और रोहिंग्या घुसपैठिए महाराष्ट्र की संस्कृति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। घुसपैठिए भारतीय मुसलमानों की छवि खराब कर रहे हैं। इसलिए मुसलमानों को भी जनता एनआरसी का समर्थन करना चाहिए। घुसपैठिए महाराष्ट्र में स्थानीय युवाओं से रोजगार छीन रहे हैं। अगर घुसपैठियों को नहीं हटाया गया, तो अगले 5 सालों में महाराष्ट्र की स्थिति और बदतर होगी।
क्योंकि महाराष्ट्र में हर तीसरे अपराध के पीछे घुसपैठियों का हाथ है। इनको बाहर निकालने से महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। घुसपैठियों के कारण कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है। अगर हम आज घुसपैठियों को नहीं निकालते, तो भविष्य में हमारी सुरक्षा कमजोर होगी। घुसपैठियों की वजह से बढ़ते अपराध को रोकने के लिए Janata NRC का समर्थन करना चाहिए। Janata NRC का उद्देश्य है, घुसपैठिए मुक्त महाराष्ट्र।
असम में घुसपैठियों का मुद्दा: एक विश्लेषण
पिछले दो महीनों में असम से तीन लाख घुसपैठिए दूसरे राज्यों में भाग गए हैं। इनमें से अधिकांश लोग महाराष्ट्र में आए हैं। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, 75% से अधिक लोग महाराष्ट्र में हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो लाख से अधिक घुसपैठिए महाराष्ट्र में पहुंचे हैं।
घुसपैठ बढ़ रही क्योंकि महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर अधिक
इस अभियान के ट्रायल के लिए हमने एक मिस कॉल नंबर चालू किया है। अभी तक इसकी कोई पब्लिसिटी नहीं की गई है, फिर भी इस नंबर पर साढ़े पांच लाख से अधिक मिस कॉल आ चुके हैं। इससे यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर समाज में बड़ा समर्थन है।
तीन चरणों का खाका
पहला चरण - जन जागरूकता
इस अभियान में जनता में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए संवाद करना, कार्यशालाएं आयोजित करना और स्थानीय समुदायों में जानकारी पहुँचाना महत्वपूर्ण है।
दूसरा चरण - कार्यकर्ताओं की टीम बनाना
समर्थ कार्यकर्ताओं की एक मजबूत टीम तैयार करनी होगी, जो जन जागरूकता में मदद करेगी और इस समस्या पर काम कर रही संस्थाओं के साथ सहयोग करेगी।
तीसरा चरण - सरकार पर दबाव डालना
सर्च और डिटेक्ट करने के लिए सरकार पर दबाव डालने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित करना आवश्यक है। इससे समस्या का सही समाधान करने में मदद मिलेगी।
ऐतिहासिक संदर्भ
छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य का 350वां वर्ष है। अटक से कटक तक झंडा लहराने की हमारी परंपरा है। इससे लोगों में एकता और संघर्ष की भावना जागृत होगी। इस अभियान को समाज के सभी स्तरों तक पहुंचाना आवश्यक है, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े और हम इस मुद्दे पर उचित कदम उठा सकें।