इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा। पहला श्राद्ध 18 सितंबर को और आखिरी श्राद्ध 2 अक्टूबर को होगा। संयोग से इन दोनों तिथियों पर चंद्र और सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्रग्रहण रहेगा। जबकि 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पर सूर्यग्रहण रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार पितृ पक्ष पर ग्रहण का यह अशुभ प्रभाव चिंताजनक है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के दौरान लगने वाले इन ग्रहणों का भारत पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
कब और कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण ?
इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6:12 बजे से 10:17 बजे तक लगेगा। यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 05 घंटे 04 मिनट होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और पश्चिमी यूरोप के देशों में दिखाई देगा। इसके अलावा इसे हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका के कुछ स्थानों पर भी देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है। चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है। इसलिए न तो पूजा-पाठ पर कोई पाबंदी है और न ही श्राद्धकर्म में किसी तरह की रुकावट आएगी। इसलिए आप बेझिझक पितरों का श्राद्ध और पिंडदान कर सकते है।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर
पितृपक्ष में लग रहे इस चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर मिलाजुला असर देखने को मिल सकता है. चंद्र ग्रहण के चलते कुछ राशियों को नुकसान तो कुछ को लाभ हो सकता है. ज्योतिषविद डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। ऐसे में इन जातकों को आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य के मोर्चे पर नुकसान झेलने पड़ सकते है। जबकि वृष, मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए इस चंद्र ग्रहण को शुभ बताया गया है। वहीं कर्क, तुला और धनु राशि वालों पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा।
भारत पर कितना असर डालेगा सूर्य ग्रहण ?
पितृपक्ष के अंतिम श्राद्ध यानी 2 अक्टूबर की रात को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 13 मिनट से लेकर मध्यरात्रि 03 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है। यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली और पेरू जैसे देशों में दिखाई देगा।
ग्रहण और पितृदोष के संयोग में करें ये उपाय
इस बार पितृपक्ष पर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। ज्योतिषविदों का कहना है कि, इस दिन ग्रहण काल की अवधि से बचते हुए कुछ विशेष उपाय करने से पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाएं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी दे। पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और अक्षत, पुष्प, गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं। श्राद्धकर्म के दौरान दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को प्रणाम करे।