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खुद पुलिस के ADG को कहना पड़ा - "इतने तो छात्र नही जितने मदरसे खुल गये".. फिर आदेश दिया उनकी जांच का

सुदर्शन न्यूज़ भी कई बार उठा चुका है इस आवाज को जिस पर लगी मुहर.

Rahul Pandey
  • Jan 7 2021 8:24AM

वो सीमा भारत और नेपाल की है. वो नेपाल जो हिन्दू राष्ट्र रहा है और बीच में नास्तिक वामपंथी चीन के संक्रमण के चलते भटकने के बाद एक बार फिर से संघर्ष कर रहा है अपनी पुरानी लय को पाने के लिए. उस देश की सीमा पर अचानक ही बढने लगी थी सीमा पार होने वाली तमाम प्रकार की अवैध तस्करी और असामाजिक कृत्य.

लेकिन इसी के साथ कुछ और भी बढ़ रहा था जिस पर पिछली सरकारों का ध्यान नही गया.. और अगर ध्यान भी जाता तो सम्भवतः उसको सेकुलरिज्म के चश्मे से देखा जाता और कुछ ऐसे नेता और मंत्री थे जो इसको फलते फूलते भाईचारे का प्रतीक घोषित कर देते.. पर अब योगीराज में बदलाव देखने को मिला है.

विदित हो कि तस्करी और अपराध भले ही चौकसी के चलते घटे हों पर जो एक अतिरिक्त गतिविधि भारत - नेपाल की अन्तराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ रही थी, वो थी मस्जिद और मदरसों का तेजी से बढना.. ये अचानक ही नही हुआ , पर धीरे धीरे जब इसने विकराल रूप लिया तो ये प्रत्यक्ष दिखने भी लगा.

आखिरकार उत्तर प्रदेश के चौकस व् सतर्क प्रशासन की नजर इस तरफ गई है और उत्तर प्रदेश पुलिस के एक ADG अधिकारी ने वो बयान दिया है जो शत प्रतिशत साबित करता है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस योगीराज में अपने अभूतपूर्व रूप में है और वो न सिर्फ वर्तमान की सुरक्षा पर सजग है बल्कि उसको भविष्य की भी चिंता है.

गोरखपुर के ADG जोन दावा शेरपा ने बताया कि भारत-नेपाल अंतरराष्‍ट्रीय बार्डर अति संवेदनशील है। जहां तक बार्डर किनारे बने मदरसों का सवाल है, कई ऐसे भवन या भवन और शैक्षणिक संस्‍थान के रूप में बनाए गए हैं। प्रथम दृष्‍टया देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति आय का स्रोत है। लेकिन उससे काफी अधिक और बड़े दिखाई देते हैं।

कहा कि हम गोपनीय रूप और अन्‍य माध्यम से ये पता करने में जुटे हैं कि ये किसी आपराधिक और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्‍त तो नहीं हैं? इसके साथ ये भी देखा जा रहा है कि ये किसी षड्यंत्र का हिस्‍सा तो नहीं है? किसी प्रकार की अवैधानिक और देश विरोधी गतिविधियों को तो बढ़ावा नहीं मिल रहा है? इसकी भी सतत जांच और परीक्षण करा रहे हैं।

दावा शेरपा बताते हैं कि 300 से अधिक मदरसे खोले गए हैं। हैरत की बात ये है कि इतने अधिक स्‍टूडेंट भी नहीं हैं तो सवाल है कि आखिर इसकी क्‍या जरूरत है? ये क्‍यों खोला जा रहा है? इसका अभिप्राय क्‍या है? ये जानना बेहद जरूरी है। इस बयान के बाद स्थानीय निवासियों के साथ पूरे देश में ADG दावा शेरपा की दूरदृष्टि और समाज की रक्षा के प्रति उनकी सजगता की हर तरफ प्रसंशा हो रही है. 

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