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Bangladesh Protests: कौन हैं हसीना सरकार गिराने वाले नाहिद इस्लाम, जिसकी वजह से बांग्लादेश में पलट गई सत्ता?

Bangladesh News: नाहिद इस्लाम और उनके साथी आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार के प्रयासों ने देश में तख्तापलट कर दिया।

Ravi Rohan
  • Aug 6 2024 8:12PM
बांग्लादेश में दो महीने से लगातार हो रहे आरक्षण और सरकार के विरोध में उग्र प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को सत्‍ता के साथ देश भी छोड़ना पड़ा। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट नाहिद इस्लाम नाम के एक शख्स के नेतृत्‍व में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों के कारण हुआ है। अब जानते हैं कि कौन है नाहिद इस्लाम, जिनकी वजह से बांग्लादेश में सियासी बवंडर आ गया। शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले छात्र आंदोलन के नेतृत्वकर्ता छात्र नेता नाहिद इस्लाम हैं। नाहिद ढाका यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा नाहिद को मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी जाना जाता है। नाहिद छात्र संगठन 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' के को-ऑडिनेटर भी है।

बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद धीमी हो चुकी आंदोलन को नाहिद इस्लाम की एक अपील ने हिंसक कर दिया। आखिर में मजबूर होकर शेख हसीना को सत्ता गँवानी पड़ी। हसीना को अपनी जान बचाने के लिए अपना देश भी छोड़ना पड़ा। पीएम के इस्‍तीफा देने और देश छोड़ने के बाद नाहिद इस्लाम ने अगले 24 घंटे में एक अंतरिम सरकार गठन करने की अपील की थी।

दरअसल हसीना सरकार ने 2018 में विभिन्न समुदाय को मिलने वाला 56% आरक्षण खत्म कर दिया था, मगर इसी वर्ष जून में ढाका हाई कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद 56% आरक्षण फिर से बरकरार हो गया, जिसको लेकर देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। नाहिद इस्लाम और उसके दो साथी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शन में 150 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद SC ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। आरक्षण की सीमा  56 प्रतिशत से घटा कर 7% कर दी गई। इसके बाद आरक्षण विरोधी प्रदर्शन धीरे-धीरे खत्म हो रहा था। उसी समय डिटेक्टिव ब्रांच के अधिकारियों ने आरक्षण विरोधी प्रदर्शन को लीड करने वाले नाहिद इस्लाम समेत 6 लोगों को हिरासत में ले लिया। रिहा होने के बाद नाहिद ने आरोप लगाया कि, 19 जुलाई को पुलिस ने उन्‍हें और उनके साथियों को अस्‍पताल से उठाया, फिर पीटा और आंदोलन वापस लेने के लिए उनसे जबरदस्ती वीडियो बनवाया।

अब छात्राओं के आंदोलन के तेज होने के परिणामस्वरूप शेख हसीना को अपना राजनीति छोड़ने के साथ-साथ देश भी छोड़ना पड़ गया। अब बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में हैं। अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिसमें इन तीनों छात्र नेताओं की भी अहम भूमिका रहने वाली है। नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार ने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर एलान किया है कि, अंतरिम सरकार में प्रधान मंत्री नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मोहम्मद यूनुस होंगे।

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