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Sanvidhan Hatya Divas- '1975 में अटल बिहारी वाजपेयी भी होते पीएम, तो लगाते आपातकाल', Emergency पर क्या बोल गए संजय राउत ?

शिवसेना (UTB) नेता संजय राउत ने इंदिरा गांधी सरकार के आपातकाल के फैसले का बचाव करते हुए दिया बयान।

Ravi Rohan
  • Jul 13 2024 7:53PM

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कांग्रेस सरकार द्वारा देश में आपातकाल लागू करने के फैसले का बचाव किया है। साल 1975 में लगाए गए आपातकाल का बचाव करते हुए राउत ने शनिवार को कहा कि, अगर अटल बिहारी वाजपेयी ऐसी ही स्थिति में प्रधानमंत्री होते, तो उन्होंने भी जरूर आपातकाल लगाया होता। यहाँ तक कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने खुले तौर पर आपातकाल का समर्थन किया था।
भारत सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में घोषित आपातकाल की याद में 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। वहीं इसके बाद अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, संजय राउत ने कहा कि, आपातकाल राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था, इसलिए सरकार के द्वारा लगाया गया था।

RSS और बाला साहेब ठाकरे ने किया था समर्थन 
संजय राउत ने कहा कि, "उनके पास कोई काम नहीं बचा है। 50 साल हो गए और लोग आपातकाल को भूल गए हैं। इस देश में आपातकाल क्यों लगाया गया? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। रामलीला मैदान से खुला ऐलान हुआ, हमारे जवान और सेना को सरकार के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए कहा गया था। तो ऐसी स्थिति में, यदि अटल बिहारी वाजपेयी प्रधान मंत्री होते, तो वे इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बनाते। उस वक्त देश में जगह-जगह बम विस्फोट हो रहे थे। अमित शाह को आपातकाल के बारे में कुछ भी पता नहीं है। बाला साहेब ठाकरे ने उस वक्त आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। और आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया।

भाजपा शासनकाल को याद रखा जाएगा
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बताया कि, 1975 में शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे ने आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। इंदिरा गांधी का उन्होंने खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने समर्थन किया क्योंकि उन्हें लगा कि देश में अराजकता को नियंत्रित करने की जरूरत है। इसमें ग़लत क्या था ? भाजपा शासन के 10 वर्षों में जो हुआ, वह याद रखा जाएगा। वे संविधान के रक्षक भी नहीं हैं।

देश के लोगों का ध्यान भटका रहे
संजय राउत मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नहीं लगा कि संविधान की हत्या हुई है। आपातकाल केबाद जनता पार्टी की सरकार आयी, वाजपेई की सरकार आयी। उन्हें नहीं लगा कि संविधान की हत्या हुई है। लेकिन वो (BJP) कौन हैं? उनके पास काम नहीं है इसलिए वो देश के लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। अगर हम आपातकाल की बात करें तो पिछले 10 सालों में मोदी सरकार का हर दिन संविधान की हत्या के लिए चिह्नित किया जाएगा।''


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