हर दिन हर पल बढ़ रहे जनसंख्या के दबाव को हर साल महसूस करने के लिए मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस. वो दिन आज ही है अर्थात 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है, इस दिन को मनाने के पीछे कारण ,हर सेकंड बढ़ रही आबादी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचना है. इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की शासी परिषद द्वारा पहली बार 1989 में तब हुई जब आबादी का आंकड़ा करीब पांच बिलियन के आस-पास पहुंच गया था. संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल के फैसले के अनुसार, वर्ष 1989 में विकास कार्यक्रम में, विश्व स्तर पर समुदाय की सिफारिश के द्वारा यह तय किया गया कि हर साल 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा. जिसे WorldPopulationDay व WorldPopulationDay2020 नाम भी दिया गया है..
भारत में आज सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है तथा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से भारत में जनसंख्या बढ़ी है. भारत में जनसंख्या के विस्फोटन को रोकने के लिए अगर अब अभी कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो यह आने वाले दस सालों में देश की आबादी 200 करोड़ के पार होगी. इसलिए जरूरी है कि इस पर सख्त कानून बनाया जाए. आज हम सभी इस देश में समानता की बात करते हैं पर कुछ लोग अपने फायदे के लिए समानता की बात करते हैं. जब भी हम दो, हमारे दो के कानून लागू होने की बात करते हैं तो कुछ लोग इसका विरोध करते हैं. अब समय आ गया है उन लोगों को जवाब देने का.
देश की सबसे बड़ी और सबसे जुड़ी एक ज्वलंत समस्या जनसंख्या विस्फोट पर प्रभावी नियंत्रण और इसके स्थायी व दीर्घकालिक समाधान के लिए ‘राष्ट्र निर्माण संगठन” तथा संगठन के अध्यक्ष श्री सुरेश चव्हाणके जी लंबे समय से सरकार से एक कठोर और प्रभावशाली जनसंख्या नियंत्रण कानून’ बनाने की मांग करता रहा है. इसके लिए पिछले कई सालों से सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक तथा राष्ट्र निर्माण संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश चव्हाणके जी के नेतृत्व में कश्मीर से कन्याकुमारी से दिल्ली के बीच 20 हजार किलोमीटर की 70 दिवसीय अखिल भारतीय भारत बचाओ यात्रा भी निकाली गई थी तथा आम जनता को भी बढ़ती हुई आबादी से उत्पन होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूक किया था.
भारत बचाओ यात्रा के बाद देशभर से जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की मांग के लिए आवाज तेज हुई है तथा ये मांग अब राष्ट्रव्यापी मांग बन चुकी है लेकिन अभी तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया है. मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल खत्म हो गए है साथ ही तीसरे कार्यकाल शुरु हो गया है. इसलिए अब जरूरी है कि देश में बढ़ती हुई जनसंख्या पर लगाम लगाया जाए तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए.