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Gujarat : आदिल अब्दुल हिन्दू लड़की को फंसाने के लिए बन गया ‘आर्य पटेल’,जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा...

गुजारत के भरुच से लव जिहाद मामले आए हुए आज तीन महिनें हो गए है लेकिन अभी तक इस खबर की फाइल बंद नहीं हुई है.

Divya Kumari
  • Mar 30 2024 12:37PM
गुजरात के भरुच से लव जिहाद मामले आए हुए आज तीन महिनें हो गए है लेकिन अभी तक इस खबर की फाइल बंद नहीं हुई है. दरअसल आदिल अब्दुल पटेल ने एक योजना के तहत फर्जी आईडी बनाकर हिंदू लड़की को फंसाया था और कोर्ट ने इस मामले में आदिल अब्दुल पटेल को तीन महिनें पहले ही पकड़ लिया था. अब इस केस में बड़ा अपडेट सामने आया है.

बताया जा रहा है अब्दुल पटेल गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में जमानत याचिका डाली थी. लेकिन कोर्ट ने इस जमानत याचिका को खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस मामले में जमानत याचिका खारिज करते हुए इसे ‘आज की पीढ़ी की लिए आँख खोल देने वाला केस’ बताया है.  कोर्ट ने माना है कि अगर आदिल को जमानत पर छोड़ दिया जाता है, तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. 

जानकारी के मुताबिक यह मामला जनवरी में सामने आया था. जब भरुच की लड़की ने चावज गाँव के आदिल अब्दुल पटेल की बदमाशी को पकड़ा था, जो उसे 4 साल से गलत नाम-पहचान के साथ प्रेम संबंध रखे हुए था. लेकिन जब लड़की को सच्चाई का पता चला, तो वो उसके गांव पहुंच गई और आदिल को जमकर पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था. इसके बाद भरूच ग्रामीण पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई थी और आदिल को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
 

जानकारी के मुताबिक आदिल ने मार्च 2024 में जमानत याचिका दाखिल की थी. आदिल ने दावा किया कि उसे फंसाने के लिए फर्जी शिकायत दर्ज कराई गई है. ऐसे में जब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, तो उसे जमानत दे दी जाए. उधर, सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया. मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि आदिल ने इंस्टाग्राम पर गलत ID बनाकर लड़की से दोस्ती की और मुस्लिम होने के बावजूद खुद को हिंदू युवक ‘आर्य पटेल’ बताया.  इतना ही नहीं, सहानुभूति पाने के लिए उनके साथ रहने के बावजूद उसने यह झूठ भी फैलाया कि उसके माता-पिता की सालों पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.

 

 सरकारी वकील ने ऐसे आरोपितों की कार्यप्रणाली पर विचार करने की बात कही. अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया तो वह दोबारा यह हरकत कर सकता है और अन्य मासूम लड़कियाँ भी इसका शिकार बन सकती हैं. साथ ही यह भी तर्क दिया गया कि चूँकि आरोपित और पीड़िता दोनों एक ही गाँव के हैं, इसलिए रिहा होने पर आरोपित सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. सरकार की दलील थी कि आरोपी ने गंभीर अपराध किया है और ऐसी हरकत दोबारा न हो, इसके लिए समाज में कड़ा संदेश देने की जरूरत है.

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