दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 मार्च यानी शुक्रवार को मुस्लिम महिला का एक याचिका खारीज कर सबको चौका दिया है. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिला को बिना बुर्का पहनाए थाने ले जाने के मामले में दायर एक याचिका जारी की है. बता दें मुस्लिम महिला कि यह मांग थी कि किसी मुस्लिम महिला को बिना बुर्का के थाने ले जाना काफी संवेदनशील मामला है.
पुलिस पर शख्त कार्रवाई करें और साथ-साथ भविष्य के लिए निर्देश देने की माँग की गई थी. बता दें दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकी याचिका को खारीज करते हुए कहा है की देश के लिए सुरक्षा और न्याय सबसे ऊपर है.
जानकारी के मुताबिक यह मामला दिल्ली के थानाक्षेत्र चांदनी महल में पड़ने वाले रकाबगंज का बताया जा रहा है. यहाँ 2 लोगों ने खुद को पीड़ित बताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में उन्होंने 3 लोगों पर आरोप लगाया था. याचिकाकर्ता रेशमा इन तीनों आरोपितों की बहन हैं. बताया जा रहा है कि रेशमा ने बालकनी से सारा झगड़ा होते देखा था. दावा यह भी है कि जब रेशमा अपने भाइयों द्वारा 2 लोगों को पीटते देख रही थीं, तब उन्होंने बुर्का नहीं पहना था.
रेशमा के वकील ने हाईकोर्ट में आरोप लगाया कि सुबह 3 बजे दिल्ली पुलिस उनकी मुवक्किल के घर में घुसी थी. याचिका में इस कार्रवाई के दौरान पुलिस पर अभद्रता करने के साथ रेशमा को घसीट कर थाने ले जाने की भी शिकायत की गई थी.
रेशमा का यह कहना था कि पुलिस पहले से जानती थी कि वह बुर्कानशीं महिला है लेकिन उन्हें पर्दा करने का भी टाइम नहीं दिया गया. याचिका में बुर्का को रेशमा ने अपनी व्यक्तिगत पसंद बताया था और पुलिस पर कार्रवाई की माँग की थी. इस दौरान भविष्य में भी पुलिस को बुर्का वाली महिलाओं के मामलों को संवेदनशील मान कर दिशा-निर्देश देने की माँग उठाई गई थी.