हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को 8 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था अभी वह पुलिस कस्टडी में है. बताया जा रहा है उससे इस हिंसा के मामले में अलग-अलग तरह की पूछताछ की जा रही है. अभी-अभी इस पर अपडेट आ रही है की अब्दूल मलिक पर गैर कानूनी गतिविधियों की UAPA धारा शामिल की गई है. बता दें पूछताछ और विवेचना में आगे जिस-जिस तरह के तथ्य सामने आएंगे, उसे विवेचना में शामिल किया जाएगा. जानकारी आ रही है की हल्द्वानी हिंसा में 19 नामजद आरोपियों में से 1 अभियुक्त अब्दुल मोहिद जो मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक का बेटा है वह अभी फरार चल रहा है.
क्या है मामला
दरअसल 8 फरवरी को हुए हल्द्वानी हिंसा का मास्टर मांइड अब्दुल मलिक को 24 फरवरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था. बताया जा रहा है की जिस तरह नगर निगम व प्रशासन अतिक्रमण तोड़ने गया था वह जगह अब्दुल मलिक के ही कब्जे में थी. बताया जा रहा है की आरोपी की तलाश की कई टीमें लगी हुई थीं. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था.
UAPA धारा का मतलब
UAPA धारा का मतलब आंतकी गतिविधि से है. बता दें यूएपीए की धारा-15 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है. इस कानून के तहत कम से कम 5 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावाधान है. अगर आतंकी घटना में किसी की जान चली जाती है तो दोषी व्यक्ति को सजा-ए-मौत या फिर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है.
अब्दुल मलिक के वकील ने क्या कहा?
वहीं इस पूरे मामले में अब्दुल मलिक के वकीलों का कहना है कि जिस दौरान यह हिंसा हुई उसे दौरान अब्दुल मलिक हल्द्वानी में नहीं था वह देहरादून और दिल्ली में था. ऐसे में उसकी इस पूरी घटना में आरोपी बनाना पुलिस के लिए सही नहीं है इसको लेकर के अब्दुल मलिक के वकीलों ने कोर्ट में भी उसकी जमानत याचिका लगाई थी लेकिन उससे पहले ही अब्दुल मलिक गिरफ्तार हो गया.
अब अब्दुल मलिक को लेकर के पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि किसी तरह से अब्दुल मलिक के खिलाफ सारे साक्ष जमा करके कोर्ट में पेश किया जाए ताकि अब्दुल मलिक को लंबे समय तक जेल में रखा जाए. वहीं, अब्दुल मलिक के वकील वह सारे साक्ष जिससे यह साबित हो सके कि अब्दुल मलिक इस दंगे के दौरान यहां नहीं था एकत्र कर कोर्ट में पेश करेंगे. इस सब पर कोर्ट फैसला लेगा कि इस मामले में अब्दुल मलिक कितना दोषी था या नहीं.