सपा से गठबंधन के लिए बातचीत पर कांग्रेस ने क्या कहा ?
गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच फूट की चर्चा तेज है माहौल अभी भी गर्म है सरगर्मी बढ़ी हुई है.
गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच फूट की चर्चाएं तेज हैं. बढ़ती सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने कहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर वह आखिर तक समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने की कोशिश करेगी. कांग्रेस का मानना है कि सामने बड़ी लड़ाई है इसलिए साथ जरूरी है.
कांग्रेस सीटों की संख्या ज्यादा नहीं चाहती लेकिन वो जीत सकने वाली सीटें चाहती हैं. सपा की तरफ से नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा, बागपत, हाथरस, बनारस जैसी सीटें उसको ऑफर की गईं, जहां वो कमजोर है.
बता दें... कांग्रेस बसपा से निष्कासित दानिश अली के लिए अमरोहा और इमरान मसूद के लिए सहारनपुर चाहती है. कांग्रेस सपा की सिटिंग सीट मुरादाबाद की मांग छोड़ने को तैयार है बशर्ते सपा मुरादाबाद मंडल में उसको दो सीटें दे दे.
इसी के साथ कांग्रेस का कहना है कि 2019 में बसपा के साथ गठजोड़ में मुरादाबाद मंडल में सपा ने 6 में से 3-3 सीटों का समझौता किया था, हम तो सिर्फ दो ही सीट मांग रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि सपा का मीडिया के जरिये दबाव बनाना ठीक नहीं. मीडिया में टूट की खबरें, 17 सीटें ऑफर करने की खबरें चलवाई जा रही हैं, जबकि दूसरी तरफ बातचीत जारी है.
अब एक बार जान लेते हैं की समझौता नहीं होने से दोनों को कितना नुकसान होगा इसके बारे में... दरअसल कांग्रेस का मानना है कि अगर समझौता नहीं होता है तो दोनों दलों का नुकसान होगा. कांग्रेस तो यूपी में सिफर पर है ही, मुख्य विपक्षी दल सपा धड़ाम होगी. राष्ट्रीय चुनाव होने के चलते मुस्लिम मतदाता भी इस बार सपा के बजाय कांग्रेस का साथ देगा. मिलकर लड़ने से मोदी विरोध और अल्पसंख्यक मतदाता एकजुट होकर गठबंधन का साथ देंगे.
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