पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और साथ ही प्रदर्शन जारी हैं. सरकार से अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है. दोनों पक्षों में अब तक बात नहीं बनी है. बता दें आंदोलन के बीच सरकार बुधवार को किसानों के हित में अहम फैसला ले सकती है. इस पुरे मामले को विस्तार से समझते हैं लेकिन उससे पहले बता दें ...पंजाब में किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार आज यानी बुधवार को गन्ना की कीमतों में वृद्धि का फैसला ले सकती है.
आज कैबिनेट की बैठक में शुगर सीजन 2024-25 के लिए गन्ने की FRP पर चर्चा हो सकती है. आमतौर पर केंद्र सरकार जून या जुलाई में FRP तय करती है. FRP यानी Fair Remunerative Price. यानी जिस कीमत पर चीनी मिलें किसानों से गन्ना खरीदती हैं. बैठक में गन्ने की FRP 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 प्रति क्विंटल करने पर विचार हो सकता है.
इतना ही नहीं बताते चले कि किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. वे अपनी मांगों पर अड़े हैं. उन्होंने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है. शंभू बॉर्डर आंदोलन का एपीसेंटर बना हुआ है. किसानों के दिल्ली कूच प्लान के बीच बुधवार को शंभू बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हो गए थे.
पुलिस को स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस बीच, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से पांचवें दौर की बातचीत की पेशकश करते हुए उनसे शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है. किसानों से हमारी अपील है कि शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकलना चाहिए.
बता दें..एक दिन पहले यानी मंगलवार को किसानों ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक दालें, मक्का और कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की थी. किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी.