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Uttarakhand: हल्द्वानी में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं की पहचान कर-कर के हत्या की कोशिश...पत्रकारों ने उसके दुख-दर्द चलाई तो मिली ये सजा

उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में एक अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने पहुंची प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया गया था.

Sumant Kashyap
  • Feb 13 2024 10:34AM

उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में एक अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने पहुंची प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि न सिर्फ थाना और पेट्रोल पंप फूंक दिया गया, बल्कि पुलिसकर्मियों को ज़िंदा जलाने की भी कोशिश की गई. साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को बदहवास अवस्था में भागते हुए देखा गया, उनके कपड़े तक फाड़ डाले गए. वहीं, इस्लामी कट्टरपंथियों के द्वारा पत्थरबाजी हुई, गोलीबारी हुई. इस्लामी कट्टरपंथियों ने आम लोगों या पुलिस तो छोड़ दीजिए, पत्रकारों तक पर जानलेवा हमले किए गए.

जानकारी के लिए बता दें कि इन्हीं पीड़ित पत्रकारों में से एक पत्रकार ने गुरुवार 8 फरवरी, 2024 को क्या हुआ था उसकी सारी जनाकारी दी है. उन्होंने बताया कि मुझे आग में जिंदा झोंकने  की कोशिश की गई. पत्रकार ने कहा कि जिस दिन घटना घटी उस दिन मेरा ऑफ था, लेकिन साढ़े 3 बजे के करीब कार्ययाल से कॉल आया कि वो जल्द मलिक के बगीचे में पहुंच जाएं. वहां उन्होंने देखा कि अवैध मदरसा और मस्जिद को पुलिस ने सील कर रखा था और प्रशासन उसे  तोड़ने वाला था.  

पत्रकार ने बताया कि वहां नगर निगम की टीम पहुंची और विरोध शुरू हो गया, जिसे मीडिया वाले कवर कर रहे थे. उन्होंने आगे बताया कि उसी समय चारों तरफ से आगजनी शुरू हो गई, पत्रकार लोग भीतर घिरे हुए थे. तभी पत्थरबाजी शुरू हो गए, आंसू गैस के गोले भी चले. पत्रकार ने बताया कि वापसी के समय उन्हें और उनके साथियों को लौटते समय घेर लिया गया. पत्थर से हमला किया गया और लाठी-डंडों से पीटा जाने लगा. उन्होंने बताया कि  उन्हें नाली में फेंक दिया गया. 

बता दें कि पत्रकार ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसके बाद जलती हुई आग में उन्हें झोंक दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि मेरे सिर से काफी खून बह रहा था और वो होश में नही थे, ऐसे में वो हमलावरों को पहचान नही पाए. वो उनका कैमरा भी छीन कर ले गए. उन्होंने बताया कि भयंकर धुआंधार गोलियों की आवाजें आ रही थी. पत्रकार ने संपादक को फोन कर के इसकी जानकारी दी, फिर उनके परिचितों के फोन आने लगें. एक बीजेपी नेता की मदद से वो गलियों से किसी तरह बाहर निकले.

उन्होंने बताया कि हिन्दू पत्रकारों और सफाई कर्मचारियों की पहचान कर के उन्हें मारा गया. पत्रकार का कहना है कि पुलिस वालों और पत्रकारों को गिन-गिन कर मारा जा रहा था. दोनों पत्रकारों का कहना था कि जिनके लिए उन्होंने सकारात्मक खबरें पिछले साल चलाई थीं, उन्होंने ही उन्हें पीटा.


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