बिहार में लव जिहाद और धर्मांतरण के इस घिनौने खेल में हिन्दू बहन-बेटियों को फंसाया जा रहा है। बता दें कि बिहार में ईसाई मिशनरी भी इस काम में लग गयी है , जिसमें हिन्दू लड़कियों को ईसाई बनाया जा रहा है ,
उनसे प्यार का झूठा प्रपंच रच कर उनकी इज्जत से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में हाल ही दो ऐसे केस देखने को मिले जिसमें हिन्दू बहन-बेटियों को उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले पड़ोसियों ने उनको प्रेम जाल में फसा के उनका धर्मांतरण करवाया और उनका शारीरिक शोषण करके छोड़ दिया।
बता दें कि ऐसा ही एक घटना में एक सुनीता नामा की लड़की को उसी के पड़ोसी जॉन ने प्यारके जाल में फसा के उसका धर्मांतरण कर उसे ईसाई बना दिया था। जानकारी है कि ऐसा ही एक और मामला सामने आया था जिसमें एक माया नाम की हिन्दू लड़की को ईसाई बना कर उससे शादी की और उसके दो बच्चे होने के बाद उसे छोड़कर चला गया।
बता दें कि बिहार के सीमांचल वाले इलाकों में ज्यादा ऐसे लव जिहाद ,धर्मांतरण जैसे केस देखने को मिलते है। जानकारी के अनुसार बिहार के सीमांचल में सैकेड़ों लड़कियाँ ईसाईयों के इस नए लव जिहाद का शिकार हुई हैं।
यहाँ ये बात भी गौर करने लायक है कि बिहार के सीमांचल में 1999 से लेकर 2005 के बीच गाँवों में चर्च बढ़ते चले गए हैं। इसमें भी शहरों को छोड़कर चर्च बनाने के लिए गाँवों को चुना गया है।
इसके पीछे भी तगड़ी साजिश हैं क्योंकि अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, भागलपुर मधेपुरा और बेगूसराय जैसे जिले साक्षरता दर में पीछे है। साफ है कि वहाँ के लोगों का ब्रेनवॉश करना आसान है। इस काम को चेन्नई से हैंडल किया जाता है।
जानकारी है कि बिहार के अलग-अलग जॉन के स्कूलों और हेल्थ सेंटर में काम करने वाले ईसाई लोगों ने वहां के निवासियों को ईसाई बना रहे है। बताया जा रहा है कि बिहार में ईसाई धर्म अपनाने वाली अधिकांश लड़कियाँ हिंदू हैं।
हालाँकि, उनका यह भी कहना है कि हिंदू लड़कियाँ ईसाई धर्म के विचारों से प्रभावित होती हैं। इसके पीछे ये वजह है कि बचपन से ही उन्हें ईसाई मजहब का पाठ पढ़ाया जाता है।
पूर्णिया से तिकोनवा गाँव में ठाकुर सोरेन को जमीन का लालच देकर बुलाया गया और फिर उन्हें ईसाई बना दिया। उनकी बेटी भी इस लव जिहाद का शिकार बनी। इस मामले में भी बाद में शादी के बाद ईसाई लड़का उसे छोड़कर चला गया।