सुदर्शन न्यूज लंबे समय से इस बात को बताता रहा है कि गुरुओं की भूमि पंजाब मिशनरी धर्मांतरण की गिरफ्त में धंसता जा रहा है. ईसाई मिशनरियां कभी चंगाई सभा तो कभी प्रलोभन आदि से धर्म परिवर्तन का रैकेट चला रही हैं. न सिर्फ सिख समाज के कई बड़े नाम बल्कि स्वयं सिखों की सर्वोच्च संस्था भी इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि पंजाब में मिशनरी धर्मांतरण बढ़ रहा है. ऐसे तमाम प्रमाण सामने आने के बाद भी अभी तक इस पर कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.
पंजाब में धर्मांतरण का ताजा मामला लुधियाना से सामने आया है जहां आरोप है कि घर में चर्च बनाकर लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा था. लोगों ने विरोध किया तो माहौल तनावग्रस्त हो गया. एक तरफ चर्च के पास्टर ने उन पर हमला कर जख्मी करने के आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी है तो वहीं, दूसरी तरफ गांव की पंचायत ने आरोपों को झूठा और एक सोची समझी साजिश बताया है.
पास्टर की शिकायत पर पुलिस ने गांव के ही तीन लोगों के अलावा अन्य नौ लोगों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है. सरपंच जगीर सिंह के अलावा गांव के लोगों का आरोप है कि गांव के ही रहने वाले बीरबल सिंह ने अपने घर में ही 8-10 साल पहले चर्च की स्थापना की थी, जहां प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा रखी जाती है.
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर लोगों को प्रलोभन देकर उनका मतांतरण किया जाता है. यही नहीं, यहां पास्टर की ओर से गुरुद्वारा साहिब के खिलाफ प्रचार किया जाता है, घरों में लगी गुरुओं की तस्वीरें तक उतरवाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की.
यहां तक कि रविवार को प्रार्थना सभा के विरोध में ग्रामीणों ने धरना भी दिया लेकिन इसके बावजूद मतांतरण लगातार जारी है. सरपंच जगीर सिंह ने कहा कि ग्रामीणों के आरोप सही हैं तथा पास्टर की ओर से जो गांव के लोगों पर हमला करने के आरोप लगाए गए हैं वे सभी बेबुनियाद हैं और यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है. सरपंच ने पुलिस से पास्टर के विरुद्ध एक्शन लेने की मांग की है. हालांकि पास्टर की शिकायत पर मुल्लांपुर थाना की पुलिस ने गांव के ही गुरप्रीत सिहं, गुरदेव सिंह, सतनाम सिंह व अन्य नौ अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.